प्रमुख संवाददाता
कोलकता/देहरादून। पश्चिम बंगाल में ममता सरकार के 6 मंत्री और दो विधायकों के भ्रष्टाचार को लेकर बांग्ला भारत चैनल के सीईओ की एसआईटी ने स्टिंग ऑपरेशन किए तो उससे ममता सरकार इतनी बौखला गई कि उसने चैनल के सीईओ व एसआईटी के खिलाफ मुकदमें दर्ज किए। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने चैनल की एसआईटी की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी। वहीं क्राईम ब्रांच ने सीईओ के खिलाफ स्टिंग ऑपरेशन सामने आने के बाद कई मामले दर्ज किए और ममता सरकार ने सीईओ की गिरफ्तारी के लिए पूरी ताकत झोंक दी थी। पुलिस व सीईओ के बीच आंख मिचोली का खेल चल रहा था। ममता सरकार द्वारा बदले की भावना से की जा रही कार्रवाई के खिलाफ सीईओ ने कोलकता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और आज न्यायालय ने ऐतिहासिक फैसला देते हुए चैनल के सीईओ को चार एफआईआर में अग्रिम जमानत देकर ममता सरकार को एक बड़ा झटका दिया है। चैनल के सीईओ को अग्रिम जमानत मिलने के बाद यह साफ दिखाई दे रहा है कि सरकार ने किस तरह से स्टिंग के बाद सीईओ के खिलाफ एक के बाद एक एफआईआर दर्ज कर उनपर शिकंजा कसने का खेल खेला था।
आज कोलकता हाईकोर्ट में बांग्ला भारत चैनल के सीईओ उमेश कुमार पर ममता सरकार द्वारा दर्ज की गई चार एफआईआर की सुनवाई शुरू हुई। उमेश कुमार की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता ने न्यायालय को बताया की जैसे ही चैनल ने सरकार के 6 मंत्री व दो विधायकों के भ्रष्टाचार के स्टिंग उजागर किए तो उसके बाद से ही ममता सरकार बदले की भावना के तहत चैनल के सीईओ व स्टिंग करने वाली एसआईटी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए आगे आई। एसआईटी की गिरफ्तारी पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी। वहीं क्राईम ब्रांच ने ममता सरकार के दबाव में उमेश कुमार के खिलाफ चार फर्जी मुकदमें दर्ज कर उनकी गिरफ्तारी के लिए उत्तराखण्ड व दिल्ली में तलाश शुरू की थी। न्यायालय को बताया गया कि उमेश कुमार पर दर्ज सभी मुकदमें फर्जी है इसलिए उमेश कुमार को अग्रिम जमानत दी जाए। सरकारी अधिवक्ता ने अग्रिम जमानत का विरोध किया लेकिन न्यायालय ने ऐतिहासिक फैसला देते हुए उमेश कुमार पर दर्ज चारों एफआईआर में उन्हें अग्रिम जमानत देने के आदेश दिए। न्यायालय के इस फैसले से ममता सरकार को एक बड़ा झटका लगा है। ममता सरकार किसी भी कीमत पर उमेश कुमार को सलाखों के पीछे पंहुचाने के मिशन में लगी हुई थी। अब इस फैसले से उमेश कुमार को बड़ी राहत मिली है।
उल्लेखनीय है कि बांग्ला भारत चैनल की कमान संभालने वाले उमेश कुमार ने शुरूआती दौर में ही यह ऐलान कर दिया था कि भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी जंग हमेशा जारी रहेगी और देश में जहां की भी सरकारें भ्रष्टाचार करती हुई दिखाई देगी, उन्हें बेनकाब करने के लिए वह आगे आएंगे। इसके लिए कोई भी भ्रष्ट सरकार उनपर जितने भी मुकदमें कायम कर लें, वह उससे घबराने वाले नहीं है। उमेश कुमार ने कहा कि पश्चिम बंगाल के इतिहास में पहली मंत्रियों व विधायकों के भ्रष्टाचार को जनता के सामने बेनकाब किया गया है और उसी के बाद उनपर ममता सरकार ने फर्जी मुकदमें दर्ज किए थे। उन्होंने कहा कि इसी तर्ज पर उत्तराखण्ड में जब उन्होंने मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, उनके भाई भतीजे को भ्रष्टाचार पर देश की जनता के सामने बेनकाब किया तो बदले की भावना से त्रिवेन्द्र सरकार ने भी उनपर फर्जी मुकदमें कायम किए थे लेकिन उस समय भी न्यायपालिका से उन्हें न्याय मिला था। उन्होंने कहा कि हमेशा उन्हें न्यायपालिका पर भरोसा रहा है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचारी सरकारें चाहे भले ही कितने ही फर्जी मुकदमें क्यों न कायम कर दें लेकिन देश की सर्वाेच्च न्यायपालिकाएं न्याय देने के लिए विराजमान है और उन्हें उनपर पूरा भरोसा है। उमेश कुमार को जिस तरह से पश्चिम बंगाल के उच्च न्यायालय से अग्रिम जमानत मिली है उससे उत्तराखण्ड के उन भ्रष्टाचारियों को भी एक बड़ा झटका लगा है जो यह सपना पाले हुए थे कि ममता सरकार उमेश कुमार को सलाखों के पीछे पंहुचाकर ही रहेगी।