नवल खाली
देहरादून। जहां पूरा देश कोविड 19 जैसी खतरनाक संक्रामक वायरस के खतरे से जूझ रहा है। चारों तरफ लॉकडाउन है। खासकर बच्चों को इस संक्रामक बीमारी से सबसे ज्यादा खतरा है। ऐसे में उत्तराखंड सरकार के स्वास्थ्य निदेशालय के अधिकारियों के टीकाकरण के फरमान से जिले के अधिकारी खुद हैरान हैं। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेेेेश में 14अप्रैल तक टीकाकरण स्थगित कर दिया गया है।
राज्य प्रतिरक्षण अधिकारी स्वास्थ्य महानिदेशालय राजीव पॉल ने आज प्रदेश के समस्त सीएमओ को एक पत्र जारी करते हुए लिखा है कि बच्चों का टीकाकरण करवाना सुनिश्चित करें।
कोविड 19 विषाणु संक्रमण के दौर में पूरा देश इससे जूझ रहा है। इस विषाणु से सबसे ज्यादा खतरा बच्चों और बुजुर्गों को है।
ऐसे में स्वास्थ्य महकमे का टीकाकरण करवाने का ये फरमान जिले के अधिकारियों के गले नहीं उतर रहा है।
यदि एएनएम टीकाकरण करने जाती हैं तो निश्चित तौर पर वो बच्चे और माँ के संपर्क में आएगी। ऐसे में कोविड 19 जैसी संक्रामक बीमारी के बीच बिना ppe किट के कैसे स्वास्थ्य महकमा टीकाकरण करवा पायेगा?
एक तरफ लॉकडाउन के चलते आवागमन पूरी तरह से बंद है। ऐसे में क़ई पहाडी क्षेत्रों का विस्तार इतना बड़ा है कि लोग बच्चों को पैदल उपकेंद्र तक नहीं ला सकते।
ये वो वक्त है जब सोशियल डिस्टेंस को मेंटन करने की बात चौतरफा हो रही है।
दूसरी हकीकत देखी जाए तो पूरे प्रदेश में ही इसमे ppe किट की कमी बनी हुई है। ऐसे में क्या वर्तमान में टीकाकरण के लिए सभी एएनएम को सरकार ये किट मुहैया करवा सकती है? सरकार के स्वास्थ्य महकमें का ये फरमान किसी के गले नहीं उतर रहा है। पहाड़ी इलाकों में तो एएनएम के पास मास्क, ग्लब्स और सैनिटाइजर भी नहीं है एएनएम संघ की अध्यक्ष गुड्डी मटूड़ा ने भी टीकाकरण अभियान स्थगित करने की मांग की है।