देहरादून, नैनीताल, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर हैं रेडजोन जिले
कुमार दुष्यंत
देश की ही तरह उत्तराखंडवासी भी लाकडाऊन समाप्ति के लिए 3 मई पर निगाह गड़ाए हैं।लेकिन अगर 3 मई को लाकडाऊन समाप्त भी हो गया तो भी उत्तराखंड की आधी से अधिक आबादी को अभी ‘लॉक’ में ही रहना होगा।
जी,हां! इसका बड़ा कारण ये है कि राज्य के चार बड़े जिले अभी रेड जोन में हैं।लाकडाऊन से छूट का लाभ लेने के लिए इन्हें पहले ग्रीन जोन लेबल हासिल करना होगा और इसके लिए अंतिम पाजिटिव मरीज के ठीक होने के बाद भी एक महीना प्रतीक्षा करनी होगी।
राज्य में देहरादून, नैनीताल, हरिद्वार व ऊधमसिंहनगर जिले कोरोना से सर्वाधिक प्रभावित जिले हैं।प्रदेश में अबतक सामने आए कोरोना के 52 मरीजों में से 50 इन चार जिलों में ही हैं।जिसके कारण स्वास्थ्य विभाग ने इन जिलों को रेड जोन में रखा हुआ है।इन जिलों के कई क्षेत्र कोन्टेनमैंट व हाटस्पाट क्षेत्र बने हुए हैं।जिसके कारण यहां की जनता प्रतिबंधों में रह रही है।यदि लाकडाऊन समाप्त भी हो जाता है तो भी इन क्षेत्रों में रह रहे नागरिकों को लाकडाऊन खुलने का लाभ नहीं मिल पाएगा।
इसका बड़ा कारण यह है कि लाकडाऊन से छूट का लाभ लेने के लिए पहले किसी जिले को रेड से ग्रीन जोन में आना होगा।इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए जिले में अंतिम मरीज के स्वस्थ होने के बाद भी 28 दिन प्रतीक्षा की जाएगी।इस दौरान अंतिम स्वस्थ मरीज को भी 28 दिन होम क्वारंटाईन रहना होगा।इस दौरान यदि कोई नया मरीज जनपद में नहीं मिलेगा, तब ही किसी जिले को रेड से ग्रीन जोन घोषित किया जा सकता है।जबकि इन जिलों में संक्रमित अभी आईशोलेशन सैंटरों में उपचाराधीन हैं।हरिद्वार में 18 अप्रैल को व देहरादून में 26 अप्रैल को नये मरीज मिले हैं।इस लिहाज से इन जिलों को ग्रीन जोन में आने के लिए अभी कम से कम महीना भर तो प्रतीक्षा करनी ही होगी।
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किसी जिले को रेड जोन से ग्रीन जोन में आने के मानक तय हैं।इसके लिए क्षेत्र के अंतिम संक्रमित के स्वस्थ होने के 28 दिन बाद तक यदि कोई नया मामला सामने नहीँ आता है तो रेड जोन जिले को ग्रीन जोन में शामिल किया जाता है।
– युगलकिशोर पंत,अपर सचिव:स्वास्थ्य।