उत्तराखंड पहुंचा टिड्डी दल। कुमाऊं में किसान परेशान
उत्तर प्रदेश के पीलीभीत और नेपाल के सीमावर्ती आदि इलाकों से किसानों को बर्बाद करके टिड्डियों का दल अब उत्तराखंड पहुंच गया है। टिड्डी दल का यह हमला कुमाऊं के उधम सिंह नगर चंपावत और नैनीताल जिलों के मैदानी इलाकों में हुआ है। कुमाऊं के उधम सिंह नगर, रुद्रपुर, टनकपुर आदि इलाकों में खेतों के ऊपर मंडराते टिड्डी दल ने धान की फसल पर हमला कर दिया है। पीलीभीत के पूरन पूर इलाकों में टिड्डी दल के प्रकोप के बाद अब किच्छा, रूद्रपुर आदि सीमावर्ती गांव में मंडराते टिड्डी दल से किसान दहशत में हैं। कृषि अधिकारियों ने खेतों में कीटनाशकों का छिड़काव कराया है।
किसानों को टिड्डी दल से गन्ने की फसल बर्बाद होने की आशंका सता रही है। उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती गांव जैसे सितारगंज के पटिया, बिस्ती से लेकर रुद्रपुर के मलसी, किच्छा के सैंजना, चंपावत के टनकपुर आदि इलाकों में टिड्डियों का भारी प्रकोप हो गया है। नेपाल सीमा की ओर से भी टिड्डी दल भारी तादाद उत्तराखंड पहुंच चुके हैं। नेपाल सीमा से ही यह दल सीधे टनकपुर पहुंचा और किसानों में हड़कंप मचा दिया। उत्तराखंड के चंपावत, उधम सिंह नगर और नैनीताल जिलों के मैदानी इलाकों में टिड्डी दल के हमले का पहले ही अलर्ट मिल चुका था।
कृषि अधिकारियों ने किसानों को टिड्डी दल से बचने के लिए कुछ उपाय सुझाए हैं। टिड्डी दल दिखाई देने पर ड्रम, टिन डिब्बों को बजाकर टिड्डी दल को भगाने जैसे उपाय भी शामिल हैं। जिन क्षेत्रों में फसल ना हो वहां पर रात में टिड्डियों को आग से भी जलाया जा सकता है। यह टिड्डी दल पहले घास खाते हैं और फिर फसलों पर हमला कर देते हैं। कीटनाशकों का छिड़काव भी इन से बचाव का एक तरीका है। फसलों के आसपास धुआं करने या फिर गंद वाली दवा का छिड़काव करने से टिड्डी भाग जाती है। तेज आवाज करने वाली वस्तुओं को बजाने से भी टिड्डी दल फसलों पर नहीं बैठती और ऊपर ही उड़ जाती है।