इंद्रजीत असवाल
पौड़ी गढ़वाल:
सतपुली :
विगत वर्ष में कोविड के कारण हजारों प्रवासी अपने गांव लौटे तो राज्य सरकार ने आनन फानन प्रवासियों को रोकने के लिए स्वरोजगार योजना लॉन्च की , लेकिन शायद कुछ विरले ही रहे होंगे,जिनको इस योजना का लाभ मिला होगा|
विगत वर्ष में सतपुली तहसील के कांडाखाल कौड़िया वन के पवन सिंह व दीपक सिंह संतोष सिंह भी अपने गांव लौटे थे जिन्होंने अखबार में सरकारी योजनाओं के बारे में पढ़ा था|
फिर इन युवाओं द्वारा गांव में मछली पालन , मुर्गी पालन, सब्जी उगाना आदि की योजना बनाई और इसके लिए उनके द्वारा एक खाली पड़ी बंजर भूमि को काटकर मछली तालाब (कच्चा) बना दिया गया| जिसमें इनके द्वारा काफी मजदूरों को लगाया गया था|
तालाब व मुर्गी पालन हेतु जगह तैयार हुई तो इन्होंने सरकारी योजनाओं के लिए आवेदन किया| जिसके बाद मत्स्य पालन , कृषि विभाग , पशुपालन आदि से अधिकारी मौके पर पहुचे और अधिकारियों द्वारा युवाओं को आश्वासन दिया गया कि, जल्द उनको सरकारी सहायता दी जाएगी | लेकिन साल भर बीत जाने के बाद भी किसी योजना का इनको लाभ नहीं मिला|
पवन सिंह का कहना है कि, उनके द्वारा मत्स्य पालन , कृषि विभाग , पशुपालन व ब्लॉक प्रमुख दीपक भंडारी ,जिला पंचायत सदस्य पूजा देवी, आदि सभी से मदद मांगी गई, लेकिन हरेक ने उनको केवल आश्वासन दिया | अब मेरे पास धन नही है इसलिये अब काम बन्द करके मुझे वापस नौकरी करने दिल्ली जाना पड़ रहा है|