स्टोरी(कमल जगाती, नैनीताल):
उत्तराखंड की नैनीझील में आज ब्रिटिशकालीन गेट की जगह आधुनिक नया गेट लगा दिया गया है । झील से अतिरिक्त पानी की निकासी करने वाले दो गेटों को ‘निकिल प्लेटिंग’ वाली उच्च तकनीक के साथ ऑटोमेशन सिस्टम के अनुरूप बनाया गया है । जल्द ही गेट के कंट्रोल रूम को भी स्थापित कर दिया जाएगा ।
नैनीताल की विश्व प्रसिद्ध नैनीझील से गैर जरूरी पानी की निकासी के लिए ब्रिटिश काल में दो गेट बनाए गए थे । ‘डांठ’ के नाम से प्रसिद्ध तल्लीताल के इन दो गेटों को वर्तमान तक हाथ से घुमाकर मैनुअली खोला और बन्द किया जाता था । अब झील की देखरेख करने वाली सिंचाई विभाग ने इसपर लगभग 50 लाख रुपये लगाकर गेटों को ऑटोमेटिक सिस्टम से जोड़ दिया है ।
झील में पानी का स्तर 7.5 मीटर से अधिक बढ़ने के बाद गेटों को खोलने की व्यवस्था की गई है । इसपर ऑटोमेशन सिस्टम लगाया गया है, जिससे पानी बढ़ने पर गेट को मोबाइल या कंप्यूटर से इशारा देकर अपने आप खोला और पानी कम होने पर इशारे से ही बन्द किया जा सकेगा । इसे नियंत्रित करने के लिए गेट के समीप एक उच्चीकृत कम्प्यूटर रूम भी बनाया जाएगा ।
सिंचाई विभाग की टेक्निकल टीम ने इस कार्य को करने के लिए देहरादून की मुस्कान एसोसिएट को चुना है । बताया गया है कि, ये आधुनिक गेट दो मीटर गुणा दो मीटर साइज का बनाया गया है । इसे ‘ड्राफ्ट कास्टिंग’ का बनाया गया है जिसकी वजह से ये 50 वर्षों तक झील के अंदर रहकर भी खराब नहीं होंगे ।
विभाग के इस कदम के बाद झील का जलस्तर खतरे के स्तर से ऊपर जाने की स्थिति में इसे इंटरनेट की मदद से घर बैठे खोला जा सकेगा । अठारवीं शताब्दी में बने इस नैनीझील के गेट को आज आधुनिक गेट से बदल दिया गया है, लेकिन विभाग ने पुराने गेट को भी रिपेयर कराकर खोले रखने का मन बनाया है । गेट लगने के मौके पर कोई भी जे.ई., ए.ई.या बड़ा अधिकारी मौजूद नहीं था, केवल ठेकेदार और एक सिंचाई कर्मी के भरोसे गेट को स्थापित किया गया । सभी ने इस मुद्दे पर कैमरे के सामने आने से मना कर दिया ।