सलमान मलिक/रुड़की
कोरोना महामारी बीमारी के चलते लॉकडाउन के कारण सभी शिक्षक संस्थाएं बंद हैं, जिसकी वजह से बच्चों की घर बैठे ही ऑनलाइन पढ़ाई का फैसला लिया गया है, पर यह फैसला मासूमो के नेत्रों के लिए कितना घातक है, यह शायद कोई नहीं जानता है!
कप्यूटर और मोबाईल का आधुनिक युग हो चला है, वहीं लॉकडाउन के चलते अब मासूम बच्चों पर भी ऑनलाइन पढ़ाई का भार आन पड़ा है। जिसके चलते आँखों की दिक्कतें भी इस वक्त अधिक सामने आ सकती है।
खासतौर पर जो स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे हैं, उनकी आँखें पहले से ही कमज़ोर हो होती हैं, जिसका कारण होता है स्कूलों द्वारा मोबाइल फोन से ऑनलाइन पढ़ाई।
आज के दौर में सौ में से अस्सी केस ऐसा देखने को मिलने लगे हैं कि कम उम्र में ही बच्चों की आई साइट वीक हो जाती हैं, क्योंकि वह स्कूल में कम्प्यूटर का इस्तेमाल करते हैं और अब लॉकडाउन के चलते स्कूलों द्वारा घर बैठे एंड्रॉयड मोबाइल फोन द्वारा ऑनलाइन पढ़ाई कराई जा रही है, जिसमे फर्स्ट क्लास से 8 क्लास तक के अधिकतर स्कूलों के बच्चे ऑनलाईन पढ़ाई करने लगे हैं, इसमें एंड्रॉइड फोन का इस्तेमाल अधिक संख्या में शुरू हो गया है।
इसी के चलते रुड़की के जाने माने डॉक्टर व आँखों के विशेषज्ञ डॉ चन्द्रशेखर ग्रोवर से जब इस बारे में जानना चाहा तो उन्होंने सलाह दी कि कंप्यूटर और मोबाइल पर काम करने वाले लोगों या बच्चों को प्रतिदिन एकरसाइज़ करते रहना चाहिए। वहीं लगातार काम न करके बीच बीच में थोड़ा आंखों को आराम भी देना चाहिए। साथ ही अपने चश्में पर अलग तरह के ग्लास लगवाने चाहिए, ताकि वह आँखों की परेशानियों से कुछ हद तक बचे रहे।