- पूरे राज्य में पेयजल कार्मिकों का धरना प्रदर्शन कार्यक्रम जारी
- ए०डी०बी० द्वारा कराये गये कार्यों की ए०आई०टी० जांच व राजकीयकरण की मांग
- दिनांक 25.01.2024 को सभी जनपदों में निकाली जायेगी रैली
- दिनांक 27.01.2024 से निर्माण कार्यों का बहिष्कार प्रारम्भ
पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार पेयजल कार्मिकों द्वारा पूरे प्रदेश समस्त जनपदों / नगरों में जल संस्थान-जल निगम समस्त मोर्चा के बैनर तले दिनांक 23.01.2024 को प्रातः 10:00 बजे से 12:00 बजे तक धरना दिया गया।
जनपद देहरादून में जल संस्थान व जल निगम कार्मिकों द्वारा प्रधान कार्यालय, उत्तराखण्ड पेयजल निगम, 11-मोहिनी रोड़, देहरादून में धरना दिया गया, जिसमें भारी संख्या में पेंशनर्स भी शामिल हुए।
जल संस्थान-जल निगम मोर्चे के संयोजक रमेश विजोला जी ने शीघ्र 02 मांगों को हल करने की मांग की।
उनके द्वारा बताया गया कि दिनांक 20.01.2024 को शहरी विकास विभाग द्वारा समाचार पत्रों के माध्यम से यह प्रसारित किया गया कि संचालन कार्यों की अवधि 18 वर्ष पेयजल निगम व जल संस्थान के अधिकारियों की सहमति लेकर की गयी है।
उक्त के सन्दर्भ में विश्लेषण करने पर पाया गया कि शहरी विकास विभाग द्वारा जिस सहमति का जिक्र किया गया है वह कोई सहमति नहीं है, अपितु एक बैठक का कार्यवृत्त मात्र है, जिस पर जल संस्थान के अधीक्षण अभियन्ता विनोद रमोला तथा जल निगम के मुख्य अभियन्ता एस०सी० पन्त के हस्ताक्षर हैं। प्रथमतः उक्त अधिकारी न तो नीति सम्बन्धित किसी विषय पर मत देने हेतु निगम / संस्थान द्वारा अधिकृत किये गये थे, द्वितीयतः उत्तर प्रदेश पेयजल एवं सीवरेज अधिनियम-1975 के प्राविधानों के विपरीत कोई कार्यवाही किये जाने पर माननीय विधानमण्डल से उक्त का संशोधन किये बिना कोई कार्यवाही किया जाना दण्डनीय अपराध है।
अतः मांग की गयी कि तत्काल उक्त दोनों अधिकारियों का स्पष्टीकरण प्राप्त कर उन पर अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रारम्भ की जाये तथा शहरी विकास विभाग के जिन अधिकारियों द्वारा उत्तर प्रदेश पेयजल एवं सीवरेज अधिनियम 1975 का उल्लंघन करते हुए अनाधिकृत संस्था UUSDA का गठन किया है, उन पर भी दण्डात्मक कार्यवाही की जाये।
जल संस्थान-जल निगम संयुक्त मोर्चे के संयोजक विजय खाली ने UUSDA द्वारा पूर्व में कराये गये कार्यों की एस०आई०टी० जांच की मांग दोहरायी।
सभा में वक्ताओं द्वारा संज्ञान में लाया गया कि पूर्व में ए०डी०बी० द्वारा कराये गये कार्यों में गम्भीर अनियमिततायें हैं, जिनकी जांच आवश्यक है।
- जनपद देहरादून में ए०डी०बी० द्वारा बिछायी गयी अधिकांश पेयजल लाईनें अप्रयोजित हैं तथा इससे सरकारी धन का अपव्यय हुआ है।
- शहंशाही आश्रम से दिलाराम तक बिछायी गयी लाईन अपनी आवश्यक क्षमता की दोगुनी व्यास की बिछायी गयी हैं।
- जनपद देहरादून में ए०डी०बी० द्वारा बनाये गये नलकूप पेयजल निगम व जल संस्थान द्वारा बनाये गये नलकूपों से तीन गुनी लागत में बनाये गये हैं हैं और वे नलकूप अनुभवहीन अभियन्ताओं द्वारा बनाये जाने के कारण फेल हो गये हैं।
- जनपद नैनीताल में बनाये गये ओवरहेड टैंक बनने के बाद से ही लगातार लीक कर रहे हैं।
- जनपद नैनीताल में बनाया गया आर०ओ० प्लान्ट सफेद हाथी साबित हो रहा है।
- रुड़की में बिछायी गयी सीवर लाईन जगह-जगह धंस रही है, जिससे कभी भी जान-माल की हानि हो सकती है।