हेमंत गोनिया
राज्य बनने से लेकर वर्तमान तक चिकित्सकों के कुल 1276 पद रिक्त चल रहे हैं, जबकि उत्तराखंड में चिकित्सकों के कुल 2735 पद स्वीकृत हैं।
आरटीआई एक्टिविस्ट हेमंत गोनिया ने स्वास्थ्य विभाग में आरटीआई में कई अहम जानकारी प्राप्त किए हैं। गोनिया ने उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग में कितने डॉक्टर हैं, कितने पद खाली हैं, कितने बीमारी के डॉक्टर हैं, कितने डॉक्टर नौकरी छोड़कर चले गए हैं आदि से संबंधित आरटीआई मांगी तो जवाब में कई अहम दस्तावेज हाथ लगे हैं। जब गोनिया ने पूछा कि राज्य बनने से लेकर अब तक उत्तराखंड के सरकारी अस्पतालों में कितने डॉक्टर कार्य कर रहे हैं और यह चिकित्सक किस विषय के हैं तो जवाब में बताया गया कि उत्तराखंड के सरकारी चिकित्सालयों में १०४४ नियमित व ५११ संविदा सामान्य (एमबीबीएस) चिकित्सक कार्यरत हैं तथा ४१५ विशेषज्ञ चिकित्सक भी तैनात हैं। इसके अलावा राज्य बनने से लेकर वर्तमान तक उत्तराखंड में चिकित्सकों के कुल २७३५ पद स्वीकृत हैं। यही नहीं राज्य बनने से लेकर अब तक प्रदेश में चिकित्सकों के कुल १२७६ पद रिक्त हैं।
उत्तराखंड में एलोपैथिक चिकित्सालयों में विशेषज्ञ चिकित्सकों के स्वीकृत कार्यरत एवं रिक्त पदों की इस प्रकार स्थिति है। सर्जन के १३४ पद स्वीकृत हैं। इसके सापेक्ष ९९ पद रिक्त चल रहे हैं। फिजीशियन के १३१ स्वी$कृत पदों के सापेक्ष १०२ पद रिक्त हैं। आर्थो सर्जन के १०१ स्वीकृत पदों के सापेक्ष ६१ पद रिक्त हैं। इसके अलावा नेत्र सर्जन के ७५ पदों के सापेक्ष ३२ पद रिक्त हैं। एनेस्थैटिस्ट के १६ स्वीकृत पदों के सापेक्ष ९३ पद रिक्त हैं, जबकि रेडियोलॉजिस्ट के १३७ पदों के सापेक्ष १०० पद रिक्त चल रहे हैं।
पैथोलॉजिस्ट के ७४ स्वीकृत पदों के सापेक्ष ४६ पद रिक्त, ईएनटी सर्जन के ४८ पदों के सापेक्ष २९ पद रिक्त, बालरोग विशेषज्ञ के १४० स्वीकृत पदों के सापेक्ष ८० पद रिक्त, गायनाक्लोजिस्ट के १७१ स्वीकृत पदों के सापेक्ष १२३ पद रिक्त, कार्डियोलॉजिस्ट के ४२ पदों के सापेक्ष ४० पद रिक्त एवं चर्मरोग विशेष के ३५ स्वीकृत पदों के सापेक्ष ३० पद रिक्त चल रहे हैं।
इसी प्रकार न्यूरो सर्जन के ४ पदों के सापेक्ष २ पद खाली, प्लास्टिक सर्जन के ३ पदों के सापेक्ष सभी तीनों पद खाली, यूरोलॉजिस्ट के ३ पदों के सापेक्ष तीनों खाली, न्यूरोलॉजिस्ट के २ पदों के सापेक्ष दोनों खाली, मनोरोग विशेषज्ञ के ६ पदों के सापेक्ष २ पद खाली एवं चेस्ट फिजीशियन के २ पदों के सापेक्ष -6 पद रिक्त चल रहे हैं।
इसी तरह चेस्ट सर्जन के २ पदों के सापेक्ष दोनों खाली, न्यूरो फिजीशियन के एक पद स्वीकृत है, जबकि यह पद भी नहीं भरा जा सका है। इसके अलावा रोडियोथैरेपी के एक स्वीकृत पद के सापेक्ष -१ पद खाली है। इस प्रकार १२५८ स्वीकृत पदों के सापेक्ष ८४३ पद खाली हैं, जबकि महज ४१५ चिकित्सक काम कर रहे हैं।
उपरोक्त आंकड़ों पर नजर डालने के बाद स्पष्ट हो जाता है कि जब स्वीकृत पदों के सापेक्ष चिकित्सकों की तैनाती ही नहीं की जा रही है तो ऐसे में मरीजों का त्वरित इलाज किस गति से चल रहा होगा, अंदाजा लगाया जा सकता है।