देहरादून।
श्री गुरु राम राय दरबार साहिब देहरादून में गुरु पूर्णिमा का पर्व श्रद्धाभाव के साथ मनाया गया। संगतों ने श्री दरबार साहिब में माथा टेका व श्री दरबार साहिब के श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज से आशीर्वाद प्राप्त किया। गुरु पूर्णिमा महापर्व के अवसर पर श्री दरबार साहिब के श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज ने प्रदेशवासियों व देशवासियों को गुरु पूर्णिंमा की बधाई दी। उत्तराखण्ड सरकार की ओर से प्रतिनिधि के रूप में देहरादून मेयर सुनील उनियाल गामा ने गुरु पूर्णिमा कार्यक्रम में भाग लिया व श्री दरबार साहिब में अरदास की। मेयर ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सामाजिक जीवन पर लिखी गई पुस्तक मेयर गामा ने श्री महाराज जी को भेंट की
इस अवसर पर श्री दरबार साहिब में बुधवार को विशेष पूजा अर्चना की गई व संगतों के लिए लंगर व प्रसाद वितरित किया गया।
बुधवार अल सुबह से ही श्री दरबार साहिब में संगतों के पहुंचने का क्रम तेज हो गया था। पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तराखण्ड, हिमाचल प्रदेश सहित देश के कोने कोने से हज़ारों की संख्या मंे संगतें श्री दरबार साहिब पहुंचीं। श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज ने सुबह श्री झण्डा साहिब व श्री दरबार साहिब में विशेष पूजा अर्चना की। इसके बाद दर्शनों व मनोतियों का क्रम शुरू हुआ। श्री महाराज जी ने संगतों को दर्शन दिए व आशीर्वाद दिया।
श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज ने कहा कि गुरु व मां हमेशा पूर्णं होते हैं। इसीलिए हम गुरु पूर्णिमा मनाते हैं। मां हमें जन्म देती हैं इसलिए मां प्रथम गुरु है, गुरु हमें जीवन जीना सिखाता है इसलिए वह परमगुरु है। इस अवसर पर उन्होंने अपने गुरु ब्रहमलीन श्रीमहंत इन्दिरेश चरण दास जी का ध्यान करते हुए उन्हंे भावपूर्ण श्रद्धासुमन अर्पित किए। काबिलेगौर है कि केन्द्र सरकार व राज्य सरकार गुरु पूर्णिमा के महापर्व को गुरुजनों के सम्मान व आर्शीवचन प्राप्त करने के दिवस में मना रहे हैं। इसी कड़ी में उत्तराखण्ड सरकार के प्रतिनिधि के रूप में मेयर सुनील उनियाल गामा ने श्री दरबार साहिब में गुरु पूर्णिमा कार्यक्रम में भाग लिया। मेयर सुनील उनियाल गामा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सामाजिक जीवन पर लिखी गई पुस्तक मोदी@20 की प्रति श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज को भेंट की। आज के दिन आषाढ पूर्णिमा के रूप में भी मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि आज ही के दिन भगवान बुद्ध ने ज्ञान प्राप्त कर आज ही के दिन पहला उपदेश दिया था। आज के ही दिन को भगवान वेद व्यास के जन्मदिवस के रूप में भी मनाया जाता है।