स्टोरी(कमल जगाती, नैनीताल):- उत्तराखंड के नैनीताल में आज समान नागरिक संहिता पर विशेसज्ञ समिति के सामने आमजन की तरफ से कानून लागू करने के पक्ष में बड़ी संख्या में सुझाव आने से उम्मीदें बढ़ गई हैं। शादी के लिए कम से कम 24 वर्ष होने और बुजुर्ग परिजनों को रिवर्स संपत्ति मिलने पर जोर दिया गया।
नैनीताल क्लब में राज्य सरकार की समान नागरिक संहिता को लेकर सुझाव लेने आई विशेसज्ञ कमिटी की चैयरपर्सन न्यायाधीश(से.नि.)रंजना प्रकाश देसाई, न्यायधीश(से.नि.)प्रमोद कोहली, सामजिक कार्यकर्ता मनु गौर और पूर्व आई.ए.एस.और सी.एस.शत्रुघ्न सिंह ने दूसरे दिन आमजन से कानून बनाने के लिए विचार जाने। शहर के विभिन्न समुदाय, जनप्रतिनिधियों, महिलाओं और आम जनमानस से सुझाव लिए गए। सोमवार को ईसाई और बार एसोसिएशन के विचार लिए गए थे।
सभा मे मौजूद पंतनगर विश्वविद्यालय की छात्रा आकांशा जोशी ने कहा कि अभी हम शादी के लिए तैयार नहीं हैं। उन्होंने शादी के लिए सही उम्र 24 वर्ष बताई। लॉ कॉलेज की डॉक्टर दीपाक्षी जोशी ने कहा कि विवाह का अनिवार्य पंजोकरण होकर उसका सर्टिफिकेट मिलना चाहिए। इसे आधार कार्ड पर भी तत्काल चढ़ाना चाहिए। डी.एस.बी.की हैड प्रो.नीता बोहरा शर्मा ने कहा कि अलग अलग जगहों में काम करने वाली महिलाओं को सुरक्षा मिलनी चाहिए और सरकार की महिला प्रतिनिधि जाकर उनके हाल जाने। बालश्रम पर भी कड़ाई से रोक लगनी चाहिए। अलग अलग धर्मों की महिलाओं को सुरक्षा देने के लिए समान कानून बनना चाहिए। महिलाओं ने ये भी कहा कि देश में अनियंत्रित जनसंख्या पर रोक लगाते हुए परिस्थितियों के अनुसार व्यवस्थाएं तय करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि विवाह का कानून सभी के लिए एक होना चाहिए, क्योंकि इससे धर्म को लेकर राजनीति नहीं हो सकेगी। सभी लोगों ने समान नागरिक संहिता कानून बनाने का समर्थन किया। समाजसेवी कंचन भंडारी ने गोद लेने के कानून पर बोलते हुए कहा कि शादी का पंजीकरण होना जरूरी है। पहाड़ों में शादी होती है और बाद में लड़कियों का क्या होता है, उनका कुछ पता नहीं चलता। उन्होंने संविधान में दिए अधिकारों पर बोलते हुए कहा कि यू.सी.सी.में किसी वर्ग का नाम नहीं आना चाहिए और इसका सभी को फायदा मिलना चाहिए। पंतनगर विश्वविद्यालय से आए एक छात्र ने कहा कि बुजुर्ग परिजनों को भत्ता देना चाहिए, क्योंकि इसपर बने कानून का पालन नहीं हो रहा है, क्यों न इसपर बच्चों की तनख्वाह से हिस्सा काटकर उन्हें मिल जाना चाहिए। पंतनगर विश्वविद्यालय के ही प्रदीप यादव ने कहा कि शादी के लिए उम्र की जगह उसकी स्नातक डिग्री होना जरूरी किया जाना चाहिए। जिला प्रोबेशन अधिकारी व्यूमा जैन ने कहा कि शादी की उम्र स्वास्थ्य कारणों से बराबर या एक ही होनी चाहिए। शादी और तलाक के लिए दोनों की रजामंदी होनी जरूरी होनी चाहिए। सभासद गजाला कमाल ने शरीयत कानून पर बोलते हुए कहा कि गोद लेने का कानून नहीं है। शरीयत में लड़की का भी पूरा पूरा हक होना चाहिए। कानून बनना चाहिए तांकि वो सुरक्षित हो जाएं। अभी गिफ्ट के रूप में गोद लेने का चलन चल रहा है। भीमताल से आए डॉ.हेम पाण्डे ने कहा कि अलग अलग धर्मों में अलग अलग कानून में असमानता दिखता है। कहा कि वर्ष 1875 में ब्रिटिश काल में भी इस कानून को बनाने पर चर्चा हुई, जिसमें समान नागरिक संहिता की बात की गई थी। बताया कि इस एकरूपता से विवाद खत्म होंगे। महिला सशक्तीकरण को बल मिलेगा। उन्होंने ये भी कहा कि यहां चर्चा में आए शादी, संपत्ति, गोद लेने आदि कानून को चरणबद्ध तरीके से यू.सी.सी.में दर्ज किया जाना चाहिए। भाजपा की वरिष्ठ नेत्री शांति मेहरा ने कहा कि लड़कियों को अधिकार देने के साथ ही उनके मायके के परिवार के लोगों की जिम्मेदारी भी होनी चाहिए, क्योंकि वो हक लेकर चले जाती है, लेकिन उसके परिजनों के पास कुछ नहीं रह जाता है।अधिवक्ता हरीश राणा ने कहा कि लिव इन रिलेशन में पंजीकरण होना चाहिए, क्योंकि देह व्यापार के समय भी लिव इन रिलेशन के अधिकार का दुरुपयोग किया जाता है। कहा कि मृतक बेटे की पेंशन या कोई अन्य धनराशि में से 20 प्रतिशत माता पिता को मिलना चाहिए।
सदस्य शत्रुघन सिंह ने सभी लोगों के विचारों को अच्छा बताते हुए एक सुंदर ड्राफ्ट सशक्त कानून देने को कहा। चैयरपर्सन देसाई ने बताया कि बैठक में बहुत अच्छे सुझाव मिले हैं जिन्हें ड्राफ्ट में रखा जाएगा।