देहरादून। सूचना विभाग की मनमानी नीतियों के विरोध में गुरुवार को संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले पत्रकारों ने सूचना निदेशालय में तीन घंटे तक सांकेतिक धरना दिया। इस अवसर पर पत्रकार जिंदाबाद नारों के साथ ही मेहरबान सिंह बिष्ट वापस जाओ के नारों से सूचना निदेशालय गुंजायमान हो गया।
इस मौके पर उपस्थित सभी पत्रकारों ने एकमत होकर निर्णय लिया कि शुक्रवार 26 जुलाई सुबह 8:30 बजे सभी पत्रकार बंधु एकजुट होकर ताला व माला के साथ रिंग रोड स्थित सूचना निदेशालय अनिवार्य रूप से पहुंचेंगे। यदि उनकी मांग गुरुवार रात्रि तक मान ली जाती है तो धन्यवाद ज्ञापित कर संबंधित अधिकारी को माला पहना दी जाएगी, किंतु यदि उनकी मांग की अनदेखी की गई तो सूचना निदेशालय के मुख्य गेट में ताला जड़ दिया जाएगा और किसी भी कर्मचारी को कार्यालय में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा।
इस दौरान सूचना निदेशालय में सूचना विभाग के वर्तमान महानिदेशक डा. मेहरबान सिंह बिष्ट के अल्प कार्यकाल में प्रदेश से प्रकाशित होने वाले समाचारपत्र-पत्रिकाओं की निरंतर उपेक्षा के चलते पत्रकारों का आक्रोश फूट पड़ा। पहले हरेला पर्व एवं तदुपरांत श्रीदेव सुमन वाला विज्ञापन को केवल गिने चुने आधा दर्जन समाचार पत्रों को जारी किए जाने के मनमाने फैसले के विरोध में सयुंक्त संघर्ष समिति के बैनर तले दर्जनों पत्रकार सूचना निदेशालय में एकत्र हुए और धरना दिया।
इस मौके पर दिनेश शक्ति तिर्खा, अनिल वर्मा, सुरेन्द्र अग्रवाल, शिवप्रसाद सेमवाल, चन्द्रशेखर जोशी, संजीव पंत, विकास गर्ग, नरेश मनोचा, आलोक शर्मा, सोमपाल सिंह, जीतमणि पैन्यूली, अमित सिंह नेगी, केशव कुमार पचौरी सहित कई वरिष्ठ पत्रकारों ने अपने संबोधनों में सूचना विभाग की मनमानी के विरोध में संघर्ष छेडऩे का आह्वान किया।
इस अवसर पर अपर निदेशक सूचना डा.अनिल चन्दोला ने धरना स्थल पर आकर पत्रकारों से ज्ञापन लिया। ज्ञापन में मांग की गई है कि श्रीदेव सुमन से संबंधित विज्ञापन तत्काल जारी किया जाए, क्योंकि यह मात्र विज्ञापन का मामला नहीं है, वरन पत्रकारों के आत्मसम्मान से जुड़ा मामला है। अगर इस न्यायोचित मांग को न मानकर महानिदेशक द्वारा हठधर्मिता दिखाई गई तो उग्र आंदोलन होगा, जिसके लिए वह स्वयं जिम्मेदार होंगे।
कुल मिलाकर विपरीत मौसम एवं अल्प नोटिस के बावजूद कई दर्जन पत्रकारों के जुटने से यह साबित हो गया है कि उत्तराखंड का पत्रकार अब सूचना विभाग की मनमानी को कतई बर्दाश्त नहीं करने वाला।
सांकेतिक धरना में शामिल होने वाले पत्रकारों में प्रमुख रूप से बिजेन्द्र कुमार यादव, एन.के.गुप्ता, वीरेंद्र दत्त गैरोला, नरेश बलोनी, ललित ढौंडियाल, सर्वेश्वर प्रसाद लखेड़ा, मामचन्द शाह, नीलेश कुमार, अनिल मनोचा, रचना गर्ग, दीपक शाह, प्रकाश कुलाश्री, आशीष नेगी, अनुराग गुप्ता, चन्दन एस कैन्तुरा, अनूप ढौंडियाल, अरुण नेगी, अवधेश नौटियाल, विनय कुमार आदि शामिल थे।