रिपोर्ट- कमल जगाती, नैनीताल
उत्तराखंड के नैनीताल में भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र बलिया नाला में बनी प्राकृतिक झील से पानी बोर करने की संभावना को लेकर जिलाधिकारी ने स्थलीय निरीक्षण किया । इस दौरान जिलाधिकारी के साथ संबंधित अधिकारी मौजूद रहे ।
नैनीताल शहर के अस्तित्व के लिए खतरे की घंटी बने बलिया नाला में भूजल भराव के बाद क्षेत्रवासियों की सांसें अटक गई हैं । प्रशासन ने जायका की जांच रिपोर्ट के आधार पर क्षेत्र में भूजल जमा होने का पता किया था । लगभग 200 मीटर क्षेत्र में भूजल भराव से क्षेत्र के लिए भूस्खलन का खतरा बन रहा था ।
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जायका और हाई पावर कमेटी की मीटिंग के बाद जिलाधिकारी ने मौके का दौरा किया । क्षेत्र को दो हिस्सों ‘ए लाइन’ और ‘बी लाइन’ में बांटा गया है । रइस होटल क्षेत्र और जी.जी.आई.सी.क्षेत्र में बोरिंग की जाएगी ।
एक्सपर्ट के अनुसार, जितनी ज्यादा बोरिंग की जाएगी उतना फायदा बलिया नाले के भूस्खलन प्रभावी क्षेत्र को थामने में होगा । पानी को बोर करने के बाद उसे किसी बड़े टैंक में स्टोर करना एक चुनौती होगी ।बोरिंग के लिए बड़े ट्रक का मार्ग उस क्षेत्र में बनांना भी एक चुनौती बानी है।
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जिलाधिकारी धिराज गर्भयाल ने बताया कि, लगभग एक एम.एल.डी.पानी निकालने का प्लान किया जा रहा है ।
उन्होंने बताया कि, इस क्षेत्र से निकले शुद्ध पानी से तल्लीताल क्षेत्र की पेयजल समस्या तो हल होगी ही, साथ में भूमिगत जल खत्म होने से भूस्खलन का खतरा भी कम हो जाएगा ।
इस दौरान जिलाधिकारी के साथ ए डी एम वित्त अशोक जजोषी, एस.डी.एम.प्रतीक जैन, ई.ओ.अशोक जोशी समेत जल संस्थान, सिंचाई, लोक निर्माण, नगर पालिका, पेयजल निगम, एन.एच.आदि विभागों के अधिकारी मौजूद थे ।
जिलाधिकारी ने कहा कि, इसका काम शीघ्रता से दस से ग्यारह दिनों में शुरू हो जाएगा ।