रिपोर्ट/महेश चन्द्र पंत
जनरल महादेव सिंह रोड देहरादून, स्थित ‘कोटक महिंद्रा” बैंक में कार्यरत शाखा प्रबंधक रजत जैन और फील्ड अधिकारी विजय पुंडीर को पूर्व नेवल कमांडर हरिशचन्द्र ध्यानी को, बार-बार बैंक के चक्कर लगवाना, उपेक्षा पूर्ण व्यवहार व गुमराह करना ,भारी पड़ सकता है।
पूर्व कमांडर हरिशचन्द्र ध्यानी का बैंक अकाउंट “कोटक महिंद्रा” बैंक जीएमएस रोड देहरादून में है। उन्होंने इस बैंक से आवास निर्माण हेतु ऋण लिया है, जिसकी किस्से समय से लगातार जमा हो रही है।
हरिशचन्द्र ध्यानी ने अपने शेष ऋण को अग्रिम एकमुश्त जमा करने हेतु, उपरोक्त बैंक अधिकारियों से संपर्क किया।
बैंक के संबंधित जिम्मेदार अधिकारियों ने उन्हें सहयोग करने के बजाए आज – कल कहकर कई चक्कर लगवाने के बाद, बैंक के विजय पुंडीर ने उनसे कहा यह काम यहां से नहीं होता , इसके लिए चंडीगढ़ जाना पड़ेगा। हरिशचन्द्र ध्यानी ने चंडीगढ़ के अधिकारी से फोन पर संपर्क किया ।
जब उन्होंने चंडीगढ़ स्थित महिला बैंक ऑफिशियल से बात करवानी चाही तो, विजय पुंडीर ने उनका फोन रिसीव करने से इंकार कर दिया ,जबकि महिला अधिकारी खुद फोन पर थी ?चंडीगढ़ स्थित महिला अधिकारी ने फोन पर ही कमांडर ध्यानी को नोडल अधिकारी “कोटक महिंद्रा बैंक” इस प्रकरण की शिकायत दर्ज कराने को कहा है।
गौरतलब है कि, सेना के अधिकारी और जवान राष्ट्र की सीमाओं की सुरक्षा, आपातकाल व आतंकवादी गतिविधियों से नागरिकों की रक्षा करने के लिए जान हथेली पर रखकर हमेशा तत्पर रहते हैं। ऐसे में बैंकों में कार्यरत कुछ गैर जिम्मेदार व घटिया मानसिकता के अधिकारी जब फौज के एक बड़े अधिकारी के साथ इस प्रकार का दुर्व्यवहार करते हैं, तो इससे अधिक शर्म की बात और क्या हो सकती है?
वीर सैनिकों के सम्मान में पूरा देश व देशवासी नतमस्तक रहता है, तब बैंक के इन अधिकारियों की जितनी भी निंदा की जाए कम है?
उपभोक्ताओं द्वारा बैंकों में जमा किए गए धन, एफडी, ऋण प्रतिभूतियों आदि से प्राप्त होने वाले ब्याज से ही बैंक के अधिकारी एवं व कर्मचारियों को वेतन प्राप्त होता है, इन अधिकारियों को अच्छी तरह समझ लेना चाहिए?
ग्राहकों की सेवा में कमी, दुर्व्यवहार व उपेक्षा करने वाले, ऐसे ही बिगड़ैल कर्मचारियों पर नकेल कसने के लिए ही, सरकार ने सेवा का अधिकार अधिनियम ,उपभोक्ता संरक्षण आयोग ,व जिला विधिक प्राधिकरणों की स्थापना की हुई है ताकि उपभोक्ताओं के हितों की सुरक्षा हो सके एवं ऐसे बेलगाम कर्मचारियों को सबक सिखाया जा सके।
पूर्व कमांडर हरिशचन्द्र ध्यानी ने अपने साथ हुए इस मामले की शिकायत नोडल अधिकारियों से कर दी है। उन्होंने बताया कि उन्हें बैंक के उच्च अधिकारियों पर भरोसा है अन्यथा उनके आगे कई और विकल्प खुले हैं।
कमांडर ने कहा केंद्र व राज्य सरकारें, भूतपूर्व सैनिकों अधिकारियों की सुविधा सहायता व कल्याण हेतु ,कई प्रकार की योजनाएं व सहायताये़ व सम्मान प्रदान कर रही है, तब “कोटक महिंद्रा बैंक” के संबंधित कर्मचारियों का ऐसा उपेक्षा पूर्ण व्यवहार ,उनकी उपभोक्ताओं के प्रति गैर जिम्मेदारी को दर्शाता व बैंकिंग सेवा नियमावलियों के विरुद्ध भी है।