सुप्रीम कोर्ट में चंद शेखर करगेती, निवासी हल्द्वानी के प्रकरण में जस्टिस ए.एम. खानविलकर तथा जस्टिस संजीव खन्ना की अदालत में आज सुनवाई हुई ।करगेती के अधिवक्ता द्वारा सुनवाई हेतु 4 सप्ताह की मांग की गई ,जिसे पीठ द्वारा स्वीकार करते हुए दिनांक 17-9-2021 की तिथि नियत की गई ।
जानिए पूरा मामला :
समाज कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक गीताराम नौटियाल द्वारा 2016 में चंद्रशेखर करगेती के विरुद्ध थाना वसंत विहार (देहरादून) में एससी/एसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज कराते हुए आरोप लगाया गया कि करगेती द्वारा उनके विरुद्ध अपने फेसबुक मीडिया तथा अन्य माध्यमों से विभागीय अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर झूठी शिकायतें की जाती है तथा फेसबुक मीडिया में अपशब्दों का प्रयोग किया जाता है ।मुकदमे के प्रकरण की जांच सीओ स्तर के अधिकारी द्वारा की गई ।
जांच उपरांत चंद शेखर करगेती के विरुद्ध सेशन जज (स्पेशल कोर्ट) एससी/एसटी देहरादून में आरोप पत्र दाखिल किया गया ।
स्पेशल कोर्ट में उपस्थित न होने के कारण करगेती के विरुद्ध NBW भी जारी किया गया था।
करगेती द्वारा उनके विरुद्ध दाखिल चार्जशीट के विरुद्ध नैनीताल हाईकोर्ट की शरण ली गई ।हाई कोर्ट द्वारा करगेती की रिट याचिका को खारिज करते हुए कोर्ट में गलत तथ्य प्रस्तुत करने के कारण उनके विरुद्ध ₹200000 का जुर्माना लगाया गया।
चंद्रशेखर करगेती के द्वारा हाईकोर्ट के आदेश के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई। सुप्रीम कोर्ट द्वारा हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाते हुए उन्हें राहत दी गई ।
सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर सुनवाई करते हुए चंद्रशेखर करगेती के अधिवक्ता के अनुरोध पर समय प्रदान करते हुए सुनवाई हेतु अगली तिथि 17-9-2021 को नियत की गई है।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या सुप्रीम कोर्ट हाई कोर्ट नैनीताल के फैसले को बरकरार रखता है या करगेती को कोई राहत प्रदान करता है।