शिक्षा विभाग के भ्रष्ट सीईओ, डीईओ और लिपिक पर कसा कानूनी शिकंजा
– अशासकीय विद्यालयों में नियुक्ति और अनुमोदन हेतु पैसे लेनदेन का हुआ था स्टिंग
– स्टिंग वीडियो की फॉरेंसिक जाँच प्रमाणित
रिपोर्ट- अनुज नेगी
पौड़ी। पौड़ी के शिक्षा विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों पर आखिरकार कानून का शिकंजा कसना सुरु हो गया है। अब इन अधिकारियों का जेल जाना लगभग तय माना जा रहा है। बता दें कि, वर्ष 2018 में जनपद पौड़ी के शिक्षा विभाग में भ्रष्ट अधिकारियों का स्टिंग ऑपरेशन हुआ था, जिसमे पौड़ी के मुख्य शिक्षा अधिकारी मदन सिंह रावत, तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी हरेराम यादव तथा तत्कालीन अशासकीय विद्यालय पटल सहायक दिनेश गैरोला द्वारा अशासकीय विद्यालयों में नियुक्ति और अनुमोदन हेतु पैसों का लेने कर रहे थे, जिसके बाद मामला पौड़ी पुलिस अधीक्षक के पास पहुंचा।
स्टिंग वीडियो की सत्यता की पुष्टि करने चंडीगढ़ फॉरेंसिक लैब भेजा दी गई थी, जहां स्टिंग वीडियो की सत्यता फॉरेंसिक लैब में प्रमाणित हो गई है। आपको बता दें कि, इन तीनो भ्रष्ट अधिकारियों पर पिछले दो साल से कानूनी कार्यवाही चंडीगढ़ फॉरेंसिक लैब से वीडियो साक्ष्य की जाँच रिपोर्ट आने तक रुकी हुई थी। उधर मार्च 2020 में फॉरेंसिक जांच की रिपोर्ट आने के बाद अप्रैल 2020 में पुलिस महानिरीक्षक अपराध और कानून व्यवस्था अंशुमान द्वारा अपर सचिव गृह अतर सिंह को तीनों आरोपियों पर एफआईआर दर्ज करने हेतु शिक्षा विभाग से अनुमति प्राप्त किये जाने हेतु भेजे गये पत्र पर कोई भी कार्यवाही अभी तक शासन के गृह अथवा शिक्षा विभाग स्तर पर लटका कर तीनों पर एफआईआर दर्ज करने हेतु अनुमति नहीं दी गयी है।
जिससे समझा जा सकता है कि, इन भ्रष्ट अधिकारियों की शासन स्तर की कितनी पहुंच है और इस पूरे मामले को दबाने का प्रयास किया जा रहा है। वही अब इन तीनों भ्रष्टाचारियों का जेल जाना लगभग तय माना जा रहा है।पुलिस महानिरीक्षक अपराध एवं कानून व्यवस्था उत्तराखण्ड अंशुमान द्वारा सचिव गृह अतर सिंह को उक्त तीनों पर शिक्षा विभाग से भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 17(क) के अंतर्गत एफआईआर दर्ज करने से पूर्व अनुमति प्राप्त करने हेतु पत्र प्रेषित कर दिया गया है।
वही इस मामले को लेकर पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठ रहे है। आखिर किसके दबाव में पुलिस इन पर कानूनी कार्यवाही करने से बच रही थी। क्या इन तीनों भ्रष्टाचारियों पर किसी बड़े सफेदपोश का हाथ है। जिससे पुलिस भी इन पर हाथ डालने से कांप रही है। बरहाल देखना होगा कि, इन तीनों पर कानूनी शिकंजा कसता है या ये तीनो शिक्षा विभाग को खोखला करते रहेंगें।