कमल जगाती, नैनीताल
उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के शराब कारोबारियों को दी जा रही छूट के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए, न्यायालय की खण्डपीठ ने राज्य सरकार से एक सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहा है। साथ मे न्यायालय ने कहा है कि किस आधार पर शराब कारोबारियों के 196 करोड़ ₹ माफ किए गए हैं ?
मामले की सुनवाई मुख्य न्यायधीश रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ में हुई।
छूट पर भेदभाव
मामले के अनुसार देहरादून निवासी उमेश कुमार ने न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि राज्य सरकार शराब कारोबारियों को 196 करोड़ की छूट देकर अन्य व्यवसायियों के साथ भेदभाव पूर्ण रवैय्या अपना रही है। जबकि लॉकडाउन के दौरान राज्य में अन्य उद्योग धंधे व व्यवसायिक गतिविधियां पूरी तरह से बंद है। जिससे सभी को नुकसान उठाना पड़ा है।
राज्य सरकार ने शराब कारोबारियों के 196 करोड़ रुपये माफ किए गए है, जो सरकार के अन्य कारोबारियों में भेदभाव पूर्ण रवैया को दर्शाता है। मामले की अगली सुनवाई तीन सप्ताह बाद होगी।
अमन मणि पास मामले मे सरकार ने मांगा समय
उत्तराखंड उच्च न्यायालय में यू.पी.के विधायक अमनमणि त्रिपाठी सहित अन्य लोगों को लॉकडाउन के दौरान उत्तराखण्ड सरकार द्वारा बद्रीनाथ व केदारनाथ जाने के लिये जारी किये गये स्पेशल पास के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने जवाब दाखिल करने के लिए न्यायालय से अतरिक्त समय की मांग की, जिसे स्वीकार करते हुए 10 दिन के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है। मामले की सुनवाई मुख्य न्यायधीश रमेश रंगनाथन और न्यायमूर्ति आर.सी.खुल्बे की खण्डपीठ में हुई।
कोर्ट ने पूछा कैसे जारी किया पास
पूर्व में न्यायालय की खण्डपीठ ने सरकार से पूछा था कि आखिर किन परिस्तिथियों में इनको स्पेशल पास जारी किया जबकि भारत सरकार की तरफ से राज्यो को लॉकडाउन का पूर्ण पालन कराने विस्तृत गाइड लाइन जारी की गयी थी। मामले की सुनवाई मुख्य न्यायधीश रमेश रंगनाथन न्यायमूर्ति आर.सी.खुल्बे की खंडपीठ में हुई।
मामले के अनुसार देहरादून निवासी उमेश शर्मा ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि उत्तराखंड शासन में अपर मुख्य सचिव के पद पर तैनात ओम प्रकाश की तरफ से विधायक अमनमणि त्रिपाठी सहित अन्य 10 लोगों को यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिता के पितृकर्म हेतु बद्रीनाथ व केदारनाथ धाम जाने के लिये विशेष पास जारी कर उनको जाने की अनुमति प्रदान की गयी थी जिसके बाद मामला जोरो से तूल पकड़ा और उन्हें रुद्रप्रयाग में पुलिस द्वारा पकड़ लिया गया।
याचिकाकर्ता ने यह भी कहा है कि इस वक्त देश मे लॉकडाउन चल रहा है और केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को जारी गाइड लाइन का सख्ती से पालन कराने का आदेश भी दिया था इसके बावजूद उत्तराखंड सरकार की तरफ से इनको पास जारी करना गलत है, लिहाजा राज्य सरकार ने डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के उल्लंघन किया है। इस पूरे मामले की सीबीआई जांच कराई जाय।