देहरादून:
स्वयं सहायता समूह चलाने वाली दो महिलाओं ने तीलू रौतेली अवॉर्ड सरकार को यह कहते हुए वापस कर दिया कि जिस काम के लिए उन्हें केंद्र और राज्य सरकार ने प्रोत्साहन और सम्मान दिया गया है, वहीं काम आज उनसे छीना जा रहा है।
दोनों महिलाओ का कहना हैं कि एक तरफ सरकार महिलाओं के उत्थान की बात करती है, वहीं दूसरी तरफ उनका रोजगार छीना जा रहा है।
तीलू रौतेली अवॉर्ड वापस करने वाली महिलाओं में गीता मौर्य और श्यामा देवी है ।
गीता मौर्य को 8 अगस्त 2020 को उत्कृष्ट स्वयं सहायता समूह शक्ति के लिए पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने तीलू रौतेली पुरस्कार से सम्मानित किया था। और साल 2018 में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर ने भी उन्हें सम्मानित किया था।
गीता मौर्य को यह सम्मान स्वयं सहायता समूह के द्वारा महिलाओं के उत्थान और रोजगार के क्षेत्र में अच्छा काम करने के लिए दिया गया था ।
तीलू रौतेली अवॉर्ड वापस करने में श्यामा देवी का नाम भी शामिल हैं । श्यामा देवी को दो दिन पहले ही तीलू रौतेली पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। श्यामा देवी भी महिला स्वयं सहायता समूह चलाती हैं।
क्या हैं पूरा मामला :
साल 2014 में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के कार्यकाल में टेक होम राशन के नाम से एक योजना शुरू की गई थी। इस योजना को महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से संचालित किया जाता है।
टेक होम राशन योजना के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों से नवजात शिशुओं, कन्या और अन्य कई योजनाओं के तहत पात्रों को राशन का वितरण किया जाता है। इस राशन की सप्लाई विभिन्न स्वयं सहायता समूहों को माध्यम से कराई जाती है ।
स्वयं सहायता समूहों की जुड़ी महिलाएं राशन की खरीद बाजार से करती हैं और इसकी पैकिग के लिए बैग, लिफाफे आदि समूह में काम करने वाली महिलाएं खुद से तैयार कर लेती हैं, उन्हें इस काम के बदले विभाग से भुगतान कर दिया जाता है।
बीते 8 अप्रैल 2021 को निदेशायल महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग ने एक विज्ञापन जारी करके टेक होम राशन के लिए ई-निविदा मांगी थी, अब ये काम ठेका पर किसी कंपनी को दिया जाएगा।
इसी वजह से गीता मौर्य और श्यामा देवी ने तीलू रौतेली पुरस्कार वापस किया है क्यूंकि स्वयं सहायता समूहों का कार्य कंपनियों को देने से स्वयं सहायता समूहों पर खासा प्रभाव पड़ेगा ।
क्यों हुआ तीलू रौतेली अवॉर्ड वापस करने का सिलसिला शुरू :
दरअसल , जिस काम के लिए इन महिलाओं को केंद्र और राज्य सरकार ने प्रोत्साहन और सम्मान दिया हैं , वहीं काम अब उनसे छीना जा रहा है।महिला बाल विकास विभाग में टेक होम राशन की प्रक्रिया अब तक महिला स्वयं सहायता समूह के माध्यम से चलाई जाती थी, लेकिन कुछ ही दिन पहले महिला बाल विकास विभाग ने टेक होम राशन के लिए ई-निविदा जारी की है, जिसमे कंपनियों को आमंत्रित किया गया है।
टेक होम राशन की योजना को ठेके पर देने के बाद उत्तराखंड में चलने वाले सभी स्वयं सहायता समूह का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा।
साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी इस मामले पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पर निशाना साधते हुए इस टेंडर प्रक्रिया को रद्द करने की मांग की थी।