अखिलेश डिमरी
हे अमर उजाला बोले तो नम्बर 1…!
अमनमणि त्रिपाठी के पास परमीशन थी जो इस सूबे के अपर मुख्य सचिव के पत्र के अनुसार 11 लोगों को दी जाने की संस्तुति थी लेकिन अपर जिलाधिकारी देहरादून नें 8 लोगों की दी। अपर मुख्य सचिव ने पत्र में लिखा है कि अमनमणि त्रिपाठी को मा. मुख्यमंत्री योगी जी के पिता के अस्थिविसर्जन के लिए बद्रीनाथ केदारनाथ जाना है।
हे अमर उजाला…! सवाल यह भी था कि क्या इस सूबे के अपरमुख्य सचिव को जानकारी नहीं है कि कोरोना महामारी के चलते चार धाम यात्रा पर प्रतिबंध है…?
हे अमर उजाला…! सवाल यह भी था कि क्या अपर मुख्य सचिव को पता नहीं है कि बद्रीनाथ के कपाट अभी खुले नहीं और केदारनाथ में पितृकार्य जैसा कुछ नहीं होता ….?
हे अमर उजाला ….! सवाल यह भी था कि जो जिस व्यक्ति का पित्र कार्य होना है उसका परिवार यहीं उत्तराखंड में निवास करता है और उनमें से लाकडाउन के चलते कोई नहीं जा रहा तो ये अमनमणि नाम का कौन व्यक्ति है और वह किस हैसियत से ये सब कर रहा है ….?
हे अमर उजाला …! महाराष्ट्र में बधावन बंधुओं वाला केस याद है कि याद करने की जरूरत ही नही समझी …? अगर याद नहीं तो जानकारी जुटाओ और इस नौकरशाह पर कार्यवाही होनी चाहिए कि नहीं यह स्पष्ट करना चाहिए ।
हे अमर उजाला …..! खैर इस खबर के अनुसार तुमने वही किया जो एक चारण कर सकता था इसलिए एक वर्ष पहले ही मैने तुम पर पैसा खर्च करना बंद कर दिया था।
हे अमर उजाला …..! लिखने के धातुदोष से ग्रसित होने की बीमारी का इलाज करवाओ, लेखन की नपुंसकता को इतिहास दर्ज नहीं करता अतः लिखने की हिम्मत जुटाने का काढ़ा पियो , लिखने की इम्युनिटी बढ़ेगी तो खबरों पर कोरोना वाइरस का अटैक नहीं होगा और खबरें जीवित रहेंगी ।
हे अमर उजाला ….! जब खबरें जीवित रहेंगी तो अखबार जीवित रहेंगे ।
हे अमर उजाला ….! सुलभ सन्दर्भ हेतु अपर मुख्य सचिव व अपर जिकाधिकारी देहरादून का पत्र भी चस्पा कर रहा हूँ , उम्मीद करते हैं कि पाठक कल पूरी खबर अख्वारी पन्नों पर देखेंगे ।