स्टोरी(कमल जगाती, नैनीताल):- ऊत्तराखण्ड में नैनीताल के परिताल गधेरे में डूबे सैन्यकर्मी का 72 घंटे बाद भी कोई आता पता नहीं चलने के बाद परिजनों ने नाराजगी जताई है। उनका आरोप है कि बिना उपकरणों के रैस्क्यू पर आए जवान पता लगाने में असमर्थ हैं।
ऊत्तराखण्ड में भीमताल के पदमपुरी मार्ग स्थित बमेटा गांव के पुल के पास मंगलवार को गधेरे में नहाते समय एक सैन्यकर्मी हिमांशु दफौटी लापता हो गया था। इसके बाद से ही एन.डी.आर.एफ., एस.डी.आर.एफ., दमकल विभाग और पुलिस की टीम जिला प्रशासन के साथ उसे तलाशने में जुटी है।
72 घंटे बाद भी पता नहीं चल पाया है। परिजनों ने हिमांशु के नहीं मिलने पर पुलिस प्रशासन से नाराजगी जताई। हिमांशु के चाचा पूरन सिंह ने आरोप लगाया कि एन.डी.आर.एफ., एस.डी.आर.एफ., दमकल विभाग और पुलिस की टीम हिमांशु को तलाशने बहुत कम उपकरणों के साथ पहुंचे थे। इसकी वजह से हिमांशु का पता नहीं चल पाया। हिमांशु के परिजन उसके नहीं मिलने से बेहद परेशान हैं। उन्होंने प्रशासन से रैस्क्यू अभियान तेजी से चलने के लिए प्रचुर मात्रा में उपकरण उपलब्ध कराने को कहा। शुक्रवार को धारी के उप जिलाधिकारी(एस.डी.एम.) के.एन.गोस्वामी के नेतृत्व में टीमों ने रैस्क्यू अभियान चलाया, लेकिन उसका कुछ अता पता नहीं चला। एस.डी.एम. गोस्वामी ने बताया कि पानी कम होने के साथ ही लगातार रैस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन अबतक सफलता नहीं मिल सकी है। कहा कि फौजी की तलाश में ड्रोन की मदद भी ली जा रही है।
इस खूनी गधेरे में पिछले तीन वर्षों में चार लोगों की जान जा चुकी हैं।
बाईट :- पूरन सिंह मेहरा, चाचा।