स्टोरी(कमल जगाती, नैनीताल):- उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने हल्दूचौड़ और खटीमा में गौशाला के निर्माण के लिए शीघ्र ही धन आवंटन करने की मांग संबंधी जनहीत याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से इस सम्बंध में दो सप्ताह में स्थिति स्पष्ठ करने को कहा है। मुख्य न्यायधीश रितु बाहरी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खण्डपीठ ने अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद के लिए की है।
मामले के अनुसार नैनीताल जिले में हल्द्वानी के हल्दुचौड़ स्थित श्री.नित्यानंद आश्रम श्री श्री गौड़ राधा कृष्ण मंदिर समिति ने जनहित याचिका दायर कर कहा कि समिति द्वारा संचालित गौशाला और दिया खटीमा स्थित गौशाला में कुल 1500 पशु हैं। इनके रखरखाव के लिए कोई बाड़े की व्यवस्था नहीं है, जिस वजह से ये पशु गर्मी, बरसात और जाड़े में बीमार हो रहे हैं। इसलिए इन अबोध पशुओं को बचाने के लिए तत्काल बाड़े बनाये जाएं।
जनहीत याचिका मे कहा गया कि उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में निराश्रित गोवंस के संरक्षण के लिए गौशाला – गौसदनों के निर्माण और विस्तारीकरण के लिए 4 जनवरी 2024 को धन आवंटन का निर्णय लिया। इस सम्बन्ध में 13 मार्च 2024 को निदेशक पंचायती राज ने राज्य के विभिन्न जिलों की गौशालाओं के लिए 10 करोड़ रुपये के आवंटन का जिक्र किया है। इन आवंटनों के अनुसार याचिकाकर्ता द्वारा संचालित दिया खटीमा गौशाला के लिए 79.15 लाख रूपए तथा परमा हल्दुचौड़ गौशाला के लिए 45.35 लाख रूपये की धनराशि सम्बंधित जिला पंचायतों को अनमुक्त किये जाने का उल्लेख किया गया है। जनहित याचिका मे कहा गया है कि धन के अभाव में गौशाला मे रखे गौवंस को कड़क धूप से बचाने के लिए छत युक्त बाड़े का निर्माण नहीं हो पा रहा है। यदि तत्काल प्रभाव से ये धनराशि का उपयोग नहीं किया गया और गौशाला मे छत युक्त पर्याप्त बाड़ों का निर्माण तत्काल नहीं किया गया तो करीब डेढ़ हजार गौवंस को जान का खतरा बन जाएगा। जनहीत याचिका में न्यायालय से प्रार्थना की गई है कि उनके दोनों गौ शालाओ में स्वीकृत धनराशि को शिघ्र अवमुक्त कराया जाए, ताकि इन बेजुबानों को भीषण गर्मी, बरसात और ठंड के समय छत मिल सके। न्यायालय ने राज्य सरकार से दो सप्ताह के भीतर स्थिति से स्पष्ठ कराने को कहा है। याची ने सचिव पंचायती राज, जिलाधिकारी नैनीताल, जिलाधिकारी उधम सिंह नगर, जिला पंचायत नैनीताल, जिला पंचायत उधम सिंह नगर समेत उत्तराखंड पशु कल्याण बोर्ड को पक्षकार बनाया है।