रुड़की। हरिद्वार जिले में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के अंतर्गत चल रहे कार्यों में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा सामने आया है।
जांच में सामने आया कि अनेक कार्य केवल कागजों पर ही हुए हैं, जबकि मजदूरों की उपस्थिति दर्ज कर भुगतान निकाल लिया गया।
इस घोटाले का खुलासा होने के बाद प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से 82 मेटों को सेवा से हटा दिया है। इसके साथ ही 50 ग्राम विकास अधिकारियों (वीडीओ) और रोजगार सेवकों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं।
फर्जी मजदूरों के नाम पर निकाला गया पैसा
जांच में पाया गया कि कई ग्राम पंचायतों में जिन मजदूरों के नाम पर कार्य दिखाए गए, वे मजदूर न तो कार्य स्थल पर मौजूद थे और न ही कभी ऐसे कार्यों में शामिल हुए। डिजिटल उपस्थिति प्रणाली और स्थल निरीक्षण से जब डेटा मिलाया गया, तो यह स्पष्ट हो गया कि कई मजदूर सिर्फ कागजों पर ही मौजूद थे। भुगतान की प्रक्रिया में इन फर्जी नामों का इस्तेमाल कर सरकारी धन का गबन किया गया।
जिला प्रशासन की बड़ी कार्रवाई
जिला विकास कार्यालय द्वारा की गई प्राथमिक जांच के आधार पर 82 मेटों को तत्काल प्रभाव से हटाया गया है। इनमें सबसे ज्यादा मेट रुड़की और लक्सर ब्लॉक में पाए गए:
ब्लॉक | हटाए गए मेट |
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रुड़की | 45 |
भगवानपुर | 06 |
खानपुर | 02 |
लक्सर | 29 |
प्रशासन ने इस घोटाले में शामिल अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों की भी जवाबदेही तय करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
मनरेगा कार्यों में कैसे हुआ फर्जीवाड़ा?
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काम स्थल की फोटो अपलोड नहीं की गई
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मजदूरों की उपस्थिति रजिस्टर में फर्जी हस्ताक्षर कराए गए
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कई कार्य स्थलों पर मौके पर कोई गतिविधि नहीं पाई गई
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डिजिटल हाजिरी और ग्राउंड रिपोर्ट में भारी अंतर मिला
प्रशासन द्वारा सभी ग्राम पंचायतों में पुनः सत्यापन कराया जा रहा है। साथ ही, यदि जवाबदेही तय नहीं हुई तो संबंधित वीडीओ, रोजगार सेवकों और अन्य कर्मियों को निलंबित भी किया जा सकता है। मामले की विस्तृत जांच चल रही है और रिपोर्ट के आधार पर आगे की विधिक कार्रवाई की जाएगी।