स्टोरी(कमल जगाती, नैनीताल):- ऊत्तराखण्ड उच्च न्यायालय में 25वां राज्य स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर मुख्य अतिथि सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश सुधांशु धूलिया ने प्रतियोगिताओं के विजेताओं को बधाई दी और कार्यक्रम में मौजूद युवा अधिवक्ताओं को अच्छी और सफल वकालत करने गुर सिखाए। न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित ने भी पुराना गीत सुनाया।
उच्च न्यायालय परिसर में हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की तरफ से आयोजित कार्यक्रम में दीप जलाकर उद्घाटन हुआ। इसके बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम और फिर पिछले दिनों हुई प्रतियोगिताओं के विजेताओं और उप विजेताओं को पुरुष्कृत किया गया।
सचिव प्रदीपमणि त्रिपाठी और अनुराग बिसरिया ने मंच का संचालन किया। पिथौरागढ़ के सांस्कृतिक ग्रुप ने छोलिया नृत्य, नैनीताल के युवाओं के ज़ोडीएक बैंड ने इंग्लिश और हिंदी गाने गाए। इसके साथ ही न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित और अधिवक्ता प्रत्युल धुसिया ने अपने गानों से श्रोताओं को आनंदित कर दिया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के साथ कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मंनोज कुमार तिवारी, न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी, न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल, न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित के साथ महाधिवक्ता एस.एन.बाबुलकर, सी.एस.सी.चंद्रशेखर सिंह रावत, बार काउंसिल अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता एम.एस.पाल, बार एसोसिएशन अध्यक्ष डी.एस.मेहता, वरिष्ठ अधिवक्ता एम.सी.पंत, राजेन्द्र डोभाल, अवतार सिंह रावत, डी.एस.पाटनी, पुष्पा जोशी, डी.के.शर्मा, मनीषा भंडारी, अधिवक्ता ललित बेलवाल, श्रुति जोशी, बासु मौलेखी, सिद्धार्थ साह, बिन्नी मेहरा, भानु मेर, डी.के.जोशी, वीरेंद्र सिंह रावत, कार्तिकेय हरि गुप्ता, विनय कुमार, वीरेंद्र राठौर, रवि बाबुलकर, दीपक रावत, टी.पी.एस.टाकुली, विकास बहुगुणा, सोनिया चावला, सौरभ अधिकारी, कौशल साह जगाती, पूर्व विधायक नारायण सिंह जंतवाल, डा. एम.एस. दुग्ताल आदि मौजूद रहे। हाई कुरत की तरफ से रजिस्टर जर्नल कहकशा खान, रे.विजिलेंस धर्म सिंह, रे.ज्यूडिशियल मंनोज गर्भयाल, रे.इंस्पेक्शन प्रतिभा तिवारी, रे.प्रोटोकॉल विवेक श्रीवास्तव समेत अन्य अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे। मुख्य अतिथि ने 50 अधिवक्ताओं को संविधान की पुस्तकें भेंट की।
सुप्रीमकोर्ट के न्यायाधीश सुधांशू धूलिया ने कहा कि नैनीताल में एक एडिक्शन है, जो आपको यहां के खुशनुमा माहौल में बांधे रखता है। उन्होंने अधिवक्ताओं को गुरुमंत्र देते हुए कहा कि उन्हें सौम्य, सभ्य, सरल, उत्सुकता, सुनने और बोलने की श्रमता, रीडिंग की आदत वाला होना चाहिए। नसीहत देते हुए उन्होंने कहा कि “न मुंह छुपा के जिएं, न सिर झुका के जिएं, सितम करो कि नजरों से नजरें मिला के जिएं। अब एक रात कम जिएं तो जिएं, फक्र इतना है कि मशालें जला के जिए”
राज्य सरकार के महाधिवक्ता एस.एन.बाबुलकर ने भी सभी को शुभकामनाएँ दी।