दून विश्वविद्यालय शिक्षा के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित हो रहा है आपको बता दें कि प्रो० सुरेखा डंगवाल के कुशल नेतृत्व में दून विश्वविद्यालय दिन दोगुनी तरक्की कर रहा है।
विश्वविद्यालय ने बढ़ते हुए पोलूशन एवं ग्लोबल वार्मिंग की समस्याओं के मद्देनजर छात्रों को जागरूक करने के लिए नो व्हीकल डे कार्यक्रम चलाया जिसकी भरपूर सराहना पूरे प्रदेश में हो रही है। जन जागरूकता अभियान हो या अन्य दूसरे कार्य विश्वविद्यालय प्रत्येक क्षेत्र में अग्रिम पंक्ति की भूमिका निभा रहा है।
दून विश्वविद्यालय शिक्षा के क्षेत्र में युवाओं की पहली पसंद बनता जा रहा है। आपको बता दें उत्तराखंड ही नहीं वरन संपूर्ण भारत में दून विश्वविद्यालय पहली पसंद बना हुआ है। विगत वर्षों के मुताबिक इस वर्ष भी बड़ी संख्या में वाह्य राज्यों से विद्यार्थियों ने आवेदन किया है।
बी कॉम, बी ए इंग्लिश (ऑनर्स), बी ए साइकोलॉजी (ऑनर्स) और विभिन्न विदेशी भाषाओं में होने वाले बी ए की मेरिट लिस्ट बहुत ऊंची गई है साथ ही कई विद्यार्थियों ने इन कोर्सों में अप्लाई किया है. इनमें से कुछ सब्जेक्टस में उच्चतम मेरिट 100 % है तथा ऑल इंडिया कट ऑफ 95% से 92% तक है, साथ ही वेटिंग लिस्ट भी काफी लंबी है।
फिजिकल साइंस के सभी विषयों जैसे कि केमिस्ट्री, फिजिक्स, मैथमेटिक्स और कंप्यूटर साइंस से स्नातक करने के लिए छात्रों के बीच अत्यधिक प्रतिस्पर्धा है ।
दून विश्वविद्यालय में स्नातक स्तर में प्रवेश हेतु परिणाम विश्वविद्यालय की ऑफिशियल वेबसाइट www.doonuniversity.ac.in में जारी कर दिए गए हैं।
स्नातक स्तर में एडमिशन की प्रक्रिया सितंबर माह में 6 तारीख से 11 तारीख तक चलेगी. एडमिशन के लिए विश्वविद्यालय ने अभी विभिन्न विषयों की पहली मेरिट लिस्ट जारी की है, जिनका नाम इस लिस्ट में आया है उन्हें अनिवार्य रूप से एडमिशन 6 और 7 तारीख को लेना है. इसके उपरांत जो सीटें रिक्त रह जाएंगी उसके अनुसार अगली लिस्ट जारी की जाएगी जिसमें वेटिंग लिस्ट के विद्यार्थियों को एडमिशन लेने के लिए काउंसलिंग के लिए बुलाया जाएगा।
दून विश्वविद्यालय में बीए साइकोलॉजी ऑनर्स और बीएससी बायोलॉजिकल साइंस जैसे कोर्स जो की पहली बार खोले गए हैं, उनमें भी प्रवेश लेने के लिए विद्यार्थियों की विशेष रूचि देखने को मिली और लंबी वेटिंग लिस्ट होने के कारण कई विद्यार्थियों में हताशा का माहौल है। क्योंकि सभी विद्यार्थी दून विश्वविद्यालय मैं अध्ययन करके देश के सर्वांगीण विकास में योगदान देना चाहते हैं।
दून विश्वविद्यालय की वाइस चांसलर प्रो. सुरेखा डंगवाल ने बताया कि दून विश्वविद्यालय रिसर्च और शैक्षणिक गतिविधियों के लिए समर्पित एवं प्रतिबद्ध है जिसके परिणाम स्वरूप दून विश्वविद्यालय में एडमिशन लेने के लिए विद्यार्थियों में विशेष रूचि उत्पन्न हुई है. क्योंकि यहां के विद्यार्थियों का चयन राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति रखने वाले संस्थानों में होने लगा है।
दून यूनिवर्सिटी ने कोविड-19 की महामारी के दौरान भी अपनी शैक्षणिक गतिविधियों को सुचारू रूप से चलाया तथा सेमेस्टर की परीक्षाएं समय पर कराई जिसके फलस्वरूप विद्यार्थियों का रिजल्ट समय आया. इसका लाभ यह हुआ कि बिना एकेडमिक सेशन में देरी हुए, विद्यार्थियों को विभिन्न परीक्षाओं में प्रतिभाग करने में कोई दिक्कत नहीं हुई. इस कारण से भी दून विश्वविद्यालय की छवि विद्यार्थियों और अभिभावकों के मध्य सार्थक बनी।
दून विश्वविद्यालय के कुलसचिव ने बताया कि पहली लिस्ट में नाम ना आने पर विद्यार्थी निराश ना हो एवं यूनिवर्सिटी की वेबसाइट देखते रहे ताकि जैसे ही दूसरी लिस्ट जारी हो तो ऐसे विद्यार्थी एडमिशन लेने के लिए तैयार रहें. साथ ही उन्होंने बताया कि विभिन्न विषयों से पोस्ट ग्रेजुएशन करने के लिए विश्वविद्यालय में ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया अभी जारी है।