रिपोर्ट- राजकुमार सिंह परिहार
शनिवार को पहली बार बागेश्वर पहुँचे प्रदेश के परिवहन व समाज कल्याण मंत्री चंदन राम दास का भाजपा कार्यकर्ताओं ने फूल मालाओं से जोरदार स्वागत किया।
जिले के भाजपा कार्यालय में स्वागत के दौरान उन्होंने कहा कि परिवहन व्यवस्था को ठीक करने के साथ ही समाज कल्याण की जनकल्याणकारी योजनाओं को आम जन तक सुगमता से लाभान्वित करना उनकी प्राथमिकता है।
उन्होंने कहा कि सबसे पहले रोडवेज के घाटे से बाहर निकाला जाएगा। अभी मंत्री पद की शपथ के बाद लगातार विभागों का निरीक्षण कर रहा हूं।
हम सरकार के साथ समन्वय बनाकर कर्मियों को नियमित वेतन देने का प्रयास करेंगे। जिस उद्देश्य से सरकार में आया हूं, उन सभी कार्यो को पूरा करूँगा। उन्होंने कार्यकर्ताओं का आभार जताया।
मंत्री बनने के बाद पहली बार गृह जनपद (अपनी विधानसभा) आगमन पर चन्दन राम दास का जगह-जगह जोरदार स्वागत हुआ।
कौसानी, लौबांज, गरुड़, कोटभ्रामरी मन्दिर दर्शन, टीटबाज़ार, सिमार, बमराड़ी, रवाईखाल, कमेडी, बहुली व द्यागड में समर्थकों ने उन्हें फूल मालाओं से लाद दिया।
स्वागत से गदगद मंत्री ने भी सुरक्षा घेरा तोड़ दिया और लोगों से खुल कर मिले। स्टेशन से मंत्री का काफिला नगर में पहुंचा तो कार्यकर्ताओं की भीड़ ने उनके स्वागत में नारे लगाने शुरू कर दिए।
स्मृतियों में खोते हुए उन्होंने कहा कि बागेश्वर विधान सभा ने उन्हें काफी सम्मान दिया है। उसके बाद बाबा बागनाथ जी के धाम जाकर मंत्री जी ने पूजा अर्चना की तत्पश्चात पार्टी कार्यालय के लिए रवाना हुए। उन्होंने कहा कि आज वह जहां है उसमें यहां के लोगों का अहम योगदान है।
बागेश्वर रोडवेज़ स्टेशन पर बोलते हुए कहा कि पहले वह विधायक थे तब उन्हें अपनी समस्या परिवहन मंत्री के सम्मुख रखनी पड़ती थी।
आज वह स्वयं परिवहन मंत्री हैं अब किसी को पेट का पानी हिलाने की आवश्यकता नही है।
उन्होंने कहा कि यह सम्मान बागेश्वर का है, बागेश्वर का जनता का है। उन्होंने विश्वास दिलाया के यहां के लोगों की सेवा में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे।
स्वागत में जिला अध्यक्ष शिव सिंह बिष्ट, कपकोट विधायक सुरेश गाड़िया, महामंत्री डॉ राजेन्द्र सिंह परिहार, पूर्व पालिका अध्यक्ष सुबोध लाल साह, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष विक्रम शाही, पूर्व विधायक बलवन्त भौर्याल, ब्लॉक प्रमुख बागेश्वर पुष्पा देवी, ब्लॉक प्रमुख कपकोट गोविन्द दानू, पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष युवा मोर्चा गिरीश परिहार, कुन्दन परिहार, युवा मोर्चा ज़िलाध्यक्ष मनोज ओली, संजय परिहार, आदर्श कठायत, राजकुमार मेहता, इन्द्र सिंह फ़र्स्वाण, भवान परिहार, प्रमोद परिहार, अंकित नगरकोटी, खड़क दफ़ौटी, महेश परिहार, योगेश परिहार, मनीष पाण्डे, शंकर टंगड़िया, मनोज बचखेती सहित सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद रहे।
छात्र राजनीति से कैबिनेट मंत्री तक-
अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित बागेश्वर विधानसभा में चार बार से लगातार विधायक चुने जा रहे चंदन राम दास (Chandan Ram Das) को इस बार कैबिनेट में जगह मिली है। वह कद्दावर जनप्रतिनिधि के साथ ही संगठन में बेहतर तालमेल के लिए जाने जाते हैं। जनता में भी उनकी लोकप्रियता है।
चंदन राम दास का राजनीतिक करियर 1980 में शुरू हुआ। वह 1997 में नगर पालिका बागेश्वर के निर्दलीय अध्यक्ष बने। इससे पूर्व एमबी डिग्री कालेज हल्द्वानी में बीए प्रथम वर्ष में निर्विरोध संयुक्त सचिव बने। 1980 से राजनीति जीवन की शुरूआत की। 2006 में पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी की प्ररेणा पर भाजपा में शामिल हुए। 2007, 2012, 2017 और 2022 में वह लगातार चौथी बार विधायक चुने गए।
पिछले दस सालों से बागेश्वर को अब मिला मंत्री पद –
यहाँ बता दें कि बागेश्वर जनपद को पिछले दस सालों से मंत्री पद विधिवत नहीं मिला था।
हालांकि कपकोट के पूर्व विधायक शेर सिंह गड़िया को त्रिवेंद्र सरकार के अंतिम समय में दायित्व सौंपा गया था, लेकिन इसके कुछ ही दिन बाद त्रिवेंद्र के मुख्यमंत्री पद से जाते ही उनका पद भी समाप्त हो गया था। इसके अलावा, बागेश्वर से भाजपा विधायक रहे स्व. नारायण राम दास उप्र में आबकारी राज्य मंत्री रह चुके हैं।
वहीं कांग्रेस शासन की बात करें तो राम प्रसाद टम्टा समाज कल्याण मंत्री रहे। वहीं, भाजपा शासन में कपकोट के विधायक बलवंत सिंह भौर्याल के पास भी भाजपा सरकार में स्वास्थ्य के साथ ही सचिवालय प्रशासन जैसे विभाग थे। लेकिन पिछले दस साल से बागेश्वर ज़िला एक तरह से मंत्री पद विहीन ही रहा। अब दास को मंत्री पद मिलने के बाद जनपद में खुशी की भारी लहर दिख रही है। कार्यकर्ता ढोल-नगाड़ों के साथ सड़कों पर नाचते नजर आये।
एक नज़र में चन्दन राम दास का सियासी सफर अब तक कैसा रहा-
चन्दन राम दास 1997 में नगर पालिका बागेश्वर के निर्दलीय अध्यक्ष बने थे। इससे पूर्व एमबी डिग्री कालेज हल्द्वानी में बीए प्रथम वर्ष में निर्विरोध संयुक्त सचिव बने थे। 1980 से राजनीति जीवन की शुरुआत करने वाले दास 2006 में पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी की प्ररेणा पर भाजपा में शामिल हुए थे। 2007, 2012, 2017 और अब 2022 में चौथी बार वह 12,000 वोट के अंतर से जीते। दलित समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाले दास को संगठन में बेहतर तालमेल और जनाधार के लिए जाना जाता है।