दून विश्वविद्यालय में जब जब भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई, उस पर सवाल उठे हैं इस बार भी कुछ ऐसे ही देखने को मिल रहा है।
उत्तराखंड क्रांति दल के नेता शिव प्रसाद सेमवाल ने दून विश्वविद्यालय धांधली के आरोप लगाए हैं।
उत्तराखंड क्रांति दल के पदाधिकारियों ने आज कुलपति सुरेखा डंगवाल से मिलकर इन गडबड़ियों को लेकर आपत्ति जाहिर की। सेमवाल ने इन अनियमितताओं की जांच कराने के लिए कुलपति के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन भी प्रेषित किया।
यूकेडी केंद्रीय संगठन मंत्री संजय बहुगुणा ने कहा है कि पद विज्ञापित होने के बाद शैक्षिक योग्यता में परिवर्तन कर दिया गया, किंतु इस परिवर्तन करने के लिए ना तो एक्जिक्यूटिव काउंसिल से अनुमति ली गई और ना ही शासन से ही कोई अनुमति ली गई।
यूकेडी महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष सुलोचना ईष्टवाल ने निजी एजेंसी से परीक्षा कराए जाने पर आपत्ति जाहिर की और परीक्षा की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए।
यूकेडी नेता नरेश बौंठियाल ने भी अलग-अलग पदों के लिए एक समान शैक्षिक योग्यता रखे जाने पर धांधली की आशंका जाहिर की।और कहा इसके पीछे किसी चहेते को नियुक्त किए जाने की आशंका है।
यूकेडी नेता अरविंद बिष्ट ने मांग की है कि पूरे प्रकरण की जांच की जाए तथा दोषियों को दंडित किया जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसा ना होने पर उत्तराखंड क्रांति दल आंदोलन का रास्ता अख्तियार करेगा।
कुलपति से वार्ता के दौरान यूकेडी नेत्री सरोज रावत ने 20 वर्षों में विश्वविद्यालय की नियमावली न बनाए जाने पर भी आपत्ति जताई और पूछा कि आखिर बिना नियमावली के कैसे पदोन्नति और भर्तियां कराई जा रही है।
कुलपति सुरेखा डंगवाल ने कहा कि सभी भर्तियां पारदर्शिता से कराई जा रही हैं। कुलपति सुरेखा डंगवाल ने आश्वस्त किया कि जिन मामलों में आपत्तियां जताई गई हैं उनकी कार्य परिषद से अनुमति ले ली जाएगी।
इस दौरान उत्तराखंड क्रांति दल के दर्जनों पदाधिकारी और कार्यकर्ता शामिल थे।