स्टोरी(कमल जगाती, नैनीताल):-
उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने सी.बी.एस.ई., आई.सी.एस.सी.और उत्तराखंड सरकार द्वारा बनाए गए शिक्षा का अधिकार अधिनियम के नियमों का उल्लंघन कर इनसे मान्यता प्राप्त स्कूलों द्वारा 9वीं और 11वीं की परीक्षा में अनुत्तीर्ण छात्रों को बिना ट्रांसफर सर्टिफिकेट(टी.सी.)के 10वीं और 12वीं कक्षाओं में प्रवेश देने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई की।
न्यायालय ने हरिद्वार के मुख्य शिक्षा अधिकारी और सैकेट्री स्कूल एजूकेशन को निर्देश दिए हैं कि, डायरेक्टर जनरल ऑफ स्कूल एज्युकेशन द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए 4 माह में मामले की जाँच करें और स्कूलों और अभिभावकों को साथ लेकर इसमें ठोस नियम बनाएं। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ में हुई।
मामले के अनुसार सी.बी.एस.ई.और आई.सी.एस.सी.स्कूल एज्युकेशन एसोसिएशन के चेयरमैन रुड़की हरिद्वार द्वारा उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है।
उन्होंने डायरेक्टर जनरल स्कूल एजूकेशन और सचिव स्कूल एजूकेशन उत्तराखंड को प्रत्यावेदन देकर मांग की है कि उत्तराखंड में इन बोर्डो से मान्यता प्राप्त कुछ स्कूलों द्वारा सी.बी.एस.ई.व आई.सी.एस.सी.के नियमों का उल्लंघन करते हुए बिना टी.सी.के अपने स्कूल में 10वीं और 12वीं की कक्षाओं में प्रवेश दिया जा रहा है, जबकि दूसरे स्कूलों में वे छात्र 9वी व 11वी कक्षाओं में अनुत्तीर्ण हुए है। जिसके परिमाण स्वरूप पात्र छात्रों को उन स्कूलों में एडमिशन नहीं मिल पा रहा है और वे शिक्षा से वंचित हो रहे हैं ।
याचिकाकर्ता का कहना है कि इस फर्जीवाड़े पर रोक लगाई जाये। उनका यह भी कहना है कि उनके द्वारा दिये गए प्रत्यावेदन पर 27 नवम्बर 2020 को डायरेक्टर जनरल स्कूल एजूकेशन ने मुख्य शिक्षा अधिकारी हरिद्वार से मामले में जांच करने के आदेश जारी किए थे, ताकि इसपर रोक लग सके। इसके बावजूद अभीतक इसमे कोई उचित कदम नहीं उठाया गया। जिससे कि फर्जीवाड़े को और बढ़ावा मिल रहा है।