स्टोरी(कमल जगाती, नैनीताल):-
उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने पशुपालन विभाग में 15 करोड़ रुपये से ज्यादा के चारा घोटाला मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य के मुख्य सचिव से चार माह में जांच पूरी करने को कहा है ।
न्यायालय ने कहा है कि अगर कोई खामी पाई जाती है तो उसपर कार्यवाही की जाए।
मामले की सुनवाई वरिष्ठ न्यायाधीश मनोज तिवारी और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में हुई।
मामले के अनुसार समाजसेवी गौरी मौलेखी ने जनहित याचिका दायर कर कहा था कि पशुपालन विभाग में चारा घोटाला हुआ है ।
पशुपालन विभाग उत्तराखंड से 2050 रुपये कुंटल चारा खरीदने के बजाए पंजाब से 3200 रुपये प्रति कुंटल चारा खरीद रहा है।
याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि पशुपालन विभाग ने 14 करोड़ रुपये की लागत से 10 साल से ऊपर की भेड़ ऑस्ट्रेलिया से खरीदी है, जो किसी भी काम में उपयोग नहीं हो सकी। इसके अलावा विभाग ने कई लग्जरी गाड़ियां भी खरीदी हैं।
याचिकाकर्ता ने पशुपालन विभाग में चल रही वित्तीय अनिमितताओं की जांच और घोटालेबाजों पर कार्रवाई की मांग की है।