पंजाबी महासभा के अध्यक्ष व तत्कालीन तहसीलदार सहित चार अधिकारियों के खिलाफ दाखिल खारिज में फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत कर सम्पत्ति हड़पने के मामले में काशीपुर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया है।
जानिए पूरा मामला :
शैलेन्द्र घई पुत्र केसी घई बेस्ट पंजाबी बाग नई दिल्ली के रहने वाले हैं। उन्होंने काशीपुर कोतवाली पुलिस को तहरीर देकर कहा कि उन्होंने अपने भाई राजीव घई के द्वारा बर्ष 2008-9 में काशीपुर न्यायालय में दो वाद योजित किये थे। जिनमें उनके द्वारा फर्जी कूटरचित दस्तावेज एवं साक्ष्य पेश किए गए।
तत्कालीन तहसीलदार ने राजीव घई द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज एवं साक्ष्यों की जांच किये बिना दोनों पत्रावलियों में आदेश पारित कर दिये। इसके बाद पीड़ित शैलेन्द्र घई ने उक्त आदेश के विरुद्ध ऊपरी न्यायालय की शरण ली।
इस मामले में उत्तराखंड राजस्व परिषद देहरादून द्वारा तहसीलदार के निर्णय को सीओ मोटो लेकर माना कि आदेश विधिक एवं तात्विक अनियमितता से ग्रसित है और तत्कालीन तहसीलदार काशीपुर को दोषी पाया।
इस मामले में तहसीलदार के विरुद्ध अपर जिलाधिकारी नजूम से जांच कराई गई। जांच में तत्कालीन तहसीलदार काशीपुर को दोषी पाया गया।
इस संबंध में सतकर्ता निदेशालय उत्तराखंड के निदेशक द्वारा इस मामले में तत्कालीन तहसीलदार, तत्कालीन सहायक विकास अधिकारी (पंचायत), तत्कालीन ग्राम पंचायत अधिकारी काशीपुर एवं राजीव घई पुत्र स्वर्गीय केसी घई निवासी काशीपुर के विरुद्ध आईपीसी की सुसंगत धाराओं के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत कर विवेचना के जाने की संतुष्टि की गई। जांच के उपरांत सभी आरोपितों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर लिया गया।