स्टोरी(कमल जगाती, नैनीताल):-
उत्तराखंड के नैनीताल में रामलीला के दौरान प्रकांड विद्वान रावण ने युवाओं को उनकी तरह एक भी गलती नहीं कर अपना भविष्य संवारने का कड़ा संदेश दिया है । चारों वेदों के ज्ञाता रावण ने केवल अहंकार में चूर होकर दूसरे की पत्नी सीता को हरण किया, इस कारण उसे सोने की लंका से हाथ धोना पड़ा ।
नैनीताल के मल्लीताल में राम सेवक सभा द्वारा आयोजित रामलीला में रावण का महत्वपूर्ण पाठ खेला गया रावण का पाठ खेल रहे कैलाश जोशी ने बताया कि वो पिछले 20 से अधिक वर्षों से रावण का पाठ खेल रहे हैं । रावण जैसे विद्वान पंडित को भगवान राम ने रामेश्वरम मंदिर की स्थापना के दौरान शिव की पूजा के लिए बुलाया था । कैलाश ने बताया कि स्टेज शो में अच्छे अभिनव के लिए मानसिक और शारीरिक रूप से बहुत तैयारी करनी पड़ती है । उन्होंने कहा कि लोगों ने अपने बच्चों को इस उम्र में नशे या दूसरे गलत कामों से बचने के लिए कहना चाहिए । उन्होंने ये भी कहा कि आज की पीढ़ी ने इससे सीख लेकर गलत मार्ग को त्याग देना चाहिए । कैलाश ने अपने रामलीला मंचन के दौरान अपना मनपसंद डायलॉग भी दर्शकों के लिए बोला । रावण के किरदार को देखने के लिए क्षेत्र के कई लोग समय से जगह घेरकर बैठ जाते हैं ।