पुरोला:— (नीरज उत्तराखंडी)
वन भूमि हस्तांतरण को लेकर भारत सरकार वन मंत्रालय की स्वीकृति मिलने के बाद अब मोरी सिरगा के 96 परिवारों का सड़क से जुडनें का वर्षो पुराना सपना साकार होने जा रहा है।
जल्दी ही पीएमजीएसवाई पांव से सिरगा तक 2•485 हैक्टेयर वन भूमि का क्षतिपूर्ति धनराशि जमा कर सड़क निर्माण में आ रहे 78 चीड़ एवं विभिन्न प्रजाति के वृक्षों का छपान व निविदाओं की प्रक्रिया शुरू कर देगा।
मोरी विकास खंड का सुदूरवर्ती सिरगा गांव तक पंहुने के लिए पांव से 7 किमी या फिर सांकरी तालुका से 8 किमी
पैदल पगडंडी से चढ़ कर जाना पड़ता है। जिस कारण लोगों को आने जाने में खास कर प्रसव पीड़ित महिलाओं,बुर्जगों व बीमारो को प्राथमिकता स्वास्थ्य केंद्र मोरी-नेटवाड आनें में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है । जबकि छात्रों को भी पांव गांव होते हुए 7 किमी राजकीय इंटर कालेज जखोल पैदल आना पड़ता है किंतु अब सड़क निर्माण होने से ग्रामीणों को सिरगा से पांव व जखोल होते हुए नेटवाड व मोरी आसानी से आनें की सुविधा मिलेगी।
उल्लेखनीय है कि मोरी फतेपर्वत के सेवा,बरी,हडवाडी व नुराणु,सिरगा गांव समेत सावंणी,सटूडी व कलाप आदि 8 गांव मोटर मार्ग से वंचित है। जबकि पंचगांई,फतेपर्वत व
के अधिकांश गांव सड़क मार्ग से जुड़ गये हैं,बडासु पट्टी के हरकीदून घाटी के ओसला,गंगाड,ढाटमीर,पवांणी गांव के लिए भी मोटर मार्ग निर्माण कार्य जारी है,जल्दी ही तालुका से आगे ढाटमीर तक सड़क बन कर तैयार हो जाएगी।
वहीं सिरगा के ग्रामीणों की दशको पुरानी सड़क की मांग लेकर शासन ने 2015-16 में पांव से सिरगा तक 8•300 किमी सड़क निर्माण को स्वीकृति दी।
जिस पर कार्यदाई संस्था पीएमजीएसवाई ने वन भूमि हस्तांतरण व सड़क निर्माण में आ रहे 78 चीड़ व विभिन्न प्रजाति के वृक्षों के कटान की 2020-21में वन मंत्रालय को भेजी पत्रावली को स्वीकृति मिलते ही विभाग ने अब आगे की कार्यवाही करने में जुट गया है।
विधायक दुर्गेश्वर लाल एवं सिरगा गांव के सामाजिक कार्यकर्ता महावीर रावत एवं जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह रावत ने कहा की पांव- सिरगा गांव तक सड़क बनने से बीमार लोगों,छात्रों व प्रसव के दौरान पीड़ित महिलाओं समेत ग्रामीणों को सुविधा मिलेगी,लोगों को खाली जमीनों
पर राजमा व सेब बागवानी करने से रोजगार भी मिलेगा।
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क्या कहते हैं अधिकारी
पांव से सिरगा मोटर मार्ग निर्माण की वन भूमि हस्तांतरण व सड़क कटींग में आरहे 78 चीड़ आदि विभिन्न प्रजाति के वृक्षों के कटान की भारत वन मंत्रालय से स्वीकृति मिल गई है,जल्दी ही क्षतिपूरक धनराशि जमा कर व पेड़ों के छपान
कटान सहीत निविदा प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
पीडीएस लिगवाल अधिशासी अभियंता
पीएमजीएसवाई पुरोला