रिपोर्ट- जगदम्बा कोठारी
ऋषिकेश।
प्रदेश में नौकरशाही अधिकारियों पर किस कदर हावी यह तो डा० निधि प्रकरण से जाहिर हो ही गया था। डॉ निधि उनियाल के इस्तीफे के बाद आलोचना झेल रही
धामी सरकार का यह मामला शांत भी नहीं हुआ था कि सोशल मीडिया पर एक और ताजा प्रकरण वायरल हो रहा है। जिसमें रात के समय पर्यटकों को टाइगर रिजर्व क्षेत्र में घुसने से रोकने के बाद उल्टा दो वन दरोगाओं को सस्पेंड कर दिया गया। इतना ही नहीं अपने कर्तव्य का पालन कर रहे दोनों वन कर्मियों पर पुलिस ने भी मारपीट सहित संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है।
घटना बीते 29 मार्च राजाजी नेशनल टाइगर रिजर्व पार्क के गौहरमाफी रेंज की है, जब रात्रि 9:30 बजे करीब ऋषिकेश-पौड़ी बॉर्डर पर बैराज पुल पार लगे राजाजी नेशनल टाइगर रिजर्व पार्क के एंट्री पोस्ट पर दो वन दरोगा कुछ अन्य कर्मचारियों सहित ड्यूटी पर तैनात थे। इसी दौरान UP 80FX 3666 नंबर की एक कार चेक पोस्ट पर रूकी और ड्यूटी कर रहे वन दरोगा अनिल कुमार और हरीश कुमार से बैरियल खोलने के लिए कहने लगे और रात्रि में ही टाइगर रिजर्व क्षेत्र में प्रवेश करने की जिद करने लगे। वन दरोगा अनिल कुमार ने उन्हें नियमों का हवाला दिया कि सूर्यास्त के बाद टाइगर रिजर्व क्षेत्र में पर्यटकों की आवाजाही पर रोक है, रात्रि में टाइगर रिजर्व क्षेत्र में प्रवेश करना जोखिम भरा है जिस कारण सूर्यास्त के बाद पार्क में प्रवेश वर्जित है। लेकिन कार में मौजूद एक पर्यटक ने अपने आप को यूपी के एक पूर्व आईपीएस अधिकारी का बेटा होने की धौंस जताते हुए वन विभाग के दोनों वन दरोगा और सुरक्षा कर्मचारियों के साथ ड्यूटी के दौरान ही मारपीट और जमकर गोली-गलोज करी। जिसका की वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसमें एक युवक वन विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारियों को गाली गलौज देता हुआ सुनाई दे रहा है। आरोप है कि नशे में धुत आगरा के पूर्व आईपीएस के इस बेटे ने रात्रि में प्रतिबंधित राजाजी नेशनल टाइगर रिजर्व क्षेत्र में घुसने की जिद करी। कर्मचारियों द्वारा रोके जाने पर युवक ने विभागीय कर्मचारियों के साथ गाली-गलौज करने के बाद उल्टा लक्ष्मण झूला थाने में वन कर्मियों के खिलाफ ही मुकदमा दर्ज करा दिया और पुलिस ने भी दोनों वन दरोगाओं पर संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर दिया जबकि एक वन दरोगा शारीरिक रूप से विकलांग है और इतना ही नहीं कुछ ही देर बाद राजाजी नेशनल टाइगर रिजर्व पार्क के उपनिदेशक अमित कुंवर ने आदेश जारी कर इमानदारी से ड्यूटी कर रहे हैं दोनों वन दरोगाओं को सस्पेंड कर दिया। हालांकि वन दरोगा अनिल कुमार ने आरोपी पूर्व आईपीएस के बेटे और उसके साथियों पर संबंधित वन अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर दिया था। बावजूद इसके विभाग द्वारा उल्टा अपनी ड्यूटी निभा रहे इन कर्मचारियों के ही निलंबन के आदेश जारी हो गए।
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यह घटना अपने आप में हैरान करने वाली है कि प्रदेश में ईमानदारी एवं कर्तव्यनिष्ठता से ड्यूटी कर रहे कर्मचारी किस तरह अधिकारियों के उत्पीड़न का शिकार हो रहे हैं। वन विभाग ने भी दोषी पर्यटकों पर कार्रवाई करने के बजाए दबाव में अपने ही कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया।
शारीरिक रूप से विकलांग हैं वन दरोगा अनिल कुमार
पुलिस ने जिन दो वन दरोगा पर मारपीट का मुकदमा दर्ज किया है उनमें से वन दरोगागा अनिल कुमार का एक हाथ नहीं है। वन विभाग में भर्ती होने के बाद एक हादसे में उन्होंने अपना एक हाथ गवां दिया था। लेकिन पुलिस ने भी पड़ताल किए बिना ही दोनों दरोगाओं के खिलाफ मारपीट, गाली-गलौज और धमकी देना सहित आदि धाराओं में मुकदमा दर्ज कर दिया। लक्ष्मण झूला थाना प्रभारी वीरेंद्र रमोला ने बताया कि घटनाक्रम की सीसीटीवी फुटेज निकाली गई है, मामले की जांच चल रही है।
नियमों के विरुद्ध उपनिदेशक ने किया वन दरोगा को सस्पेंड
जानकारों की माने तो वन दरोगा एक अधिकारी श्रेणी के समकक्ष होता है, जिसको सस्पेंड करने का अधिकार निदेशक को होता है। उपनिदेशक को यह अधिकार प्राप्त नहीं है कि वह फॉरेस्टर रैंक के अधिकारी को सस्पेंड कर सके। लेकिन मनमाने तरीके उपनिदेशक अमित कुमार ने दोषी पर्यटकों के पर कार्यवाही करने के बजाए आगरा के एक रिटायर्ड आईपीएस के दबाव में अपने दोनों वन दरोगा को सस्पेंड कर दिया।
इसके बाद मामला सोशल मीडिया पर वायरल गया।
कर्मचारी संगठन ने दी आंदोलन की चेतावनी
ईमानदारी से ड्यूटी कर रहे दोनों वन दरोगा को सस्पेंड करने के बाद वन आरक्षी, वन बीट अधिकारी संघ और सहायक 1 कर्मचारी संगठन निलंबित दोनों वन दरोगाओं के निलंबन पर भड़क उठे हैं। अवैधानिक तरीके से हुए इस निलंबन के खिलाफ संगठन लामबंद हो गया है। वन आरक्षी, वन बीट अधिकारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष काका कश्यप व सचिव फरमान अली ने विभागीय अधिकारी पर आरोप लगाया है कि दोनों कर्मचारी इमानदारी से ड्यूटी निभा रहे थे और रात्रि में राजा जी पार्क क्षेत्र मैं प्रवेश वर्जित है। जिस कारण पर्यटकों को वर्जित क्षेत्र में घुसने नहीं दिया गया। उन व्यक्तियों ने ड्यूटी में तैनात कर्मचारियों के साथ अभद्रता और गाली-गलौज करी जिसका संगठन पुरजोर विरोध करता है, लेकिन उपनिदेशक ने दोषी पर्यटकों पर कारवाई करने के बजाय अपने ही कर्मचारियों को निलंबित कर दिया। जिससे कि ईमानदारी से कार्य करने वाली कर्मचारियों का मनोबल गिरता है। यदि शीघ्र ही दोनों का निलंबन वापस नहीं लिया गया तो संगठन कार्य बहिष्कार को मजबूर होगा। खबर लिखे जाने तक ‘पर्वतजन’ ने इस पूरे घटनाक्रम पर जब राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क के उप निदेशक से बात करी तो अमित कुंवर ने बताया कि पर्यटकों ने लक्ष्मण झूला थाने में वन दरोगाओं के खिलाफ तहरीर दी थी जिसके बाद दोनों वन कर्मियों को सस्पेंड कर दिया है, जांच की जा रही है। यदि जांच में दरोगा निर्दोष पाए जाते हैं तो शीघ्र बहाली की जाएगी।