उत्तराखण्ड परिवहन की दरियादिली पड़ोसी राज्यों पर कुछ ज्यादा ही हैं। वर्तमान में उत्तरप्रदेश उत्तराखंड को सालाना करोड़ो की चपत लगा रहा हैं ।
दरअसल उत्तर प्रदेश की तकरीबन 1250 रोडवेज बसों का संचालन उत्तराखंड में हो रहा है, मगर परिवहन विभाग के रिकार्ड केवल 37 बसों के चलने की गवाही दे रहे हैं। और परिवहन विभाग की यह ‘दरियादिली’ सिर्फ उत्तर प्रदेश की बसों पर ही नहीं, बल्कि अन्य राज्यों की बसों पर भी है।
यह खुलासा परिवहन सचिव डा. रणजीत सिन्हा के आदेश पर हो रही जांच में दूसरे राज्यों की लगभग 1500 बसों के रोज संचालन की बात सामने आई है। सचिव ने सभी बसों के नंबर डिपो एवं फेरों की संख्या का रिकार्ड तलब किया है।
उत्तराखंड परिवहन निगम का 18 वर्ष की लंबी कसरत के बाद उत्तर प्रदेश रोडवेज से बसों के संचालन का करार 29 अक्टूबर-2018 को हुआ था। इसके बावजूद उत्तराखंड परिवहन विभाग को यह नहीं पता की उत्तराखंड में कितनी बसें चल रहीं।
मार्च-20 यानी कोरोना काल से पूर्व उत्तर प्रदेश की करीब 1500 और हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल चंडीगढ़ व पंजाब की 400 बसें उत्तराखंड में चल रही थीं। उत्तर प्रदेश की करीब 1250 बस में से 1000 बसें देहरादून, हरिद्वार, हल्द्वानी और टनकपुर से संचालित हो रहीं हैं ।
उत्तराखंड के राज्य परिवहन प्राधिकरण में इनमें सिर्फ 37 बसों के संचालन का रिकार्ड दर्ज है। बसों की गिनती होने से परेशान उत्तर प्रदेश और हरियाणा ने हरिद्वार में अपना संचालन मुख्य बस अड्डे के बजाय ऋषिकेश में कुंभ मेले के दौरान बने अस्थायी बस अड्डे से शुरू कर दिया है।
अक्टूबर 2018 में लखनऊ में उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री की मौजूदगी में दोनों राज्यों में परिवहन करार हुआ था। यह तय किया गया था कि अब उत्तर प्रदेश की रोडवेज बसें उत्तराखंड सीमा में 216 मार्गों पर रोजाना 2472 ट्रिप समेत एक लाख 40 हजार किमी चलेंगी।
उत्तराखंड रोडवेज की बसें उत्तर प्रदेश की सीमा में 335 मार्गों पर 1725 ट्रिप व दो लाख 50 हजार किमी की यात्रा करेंगी। इसमें उत्तराखंड को हर महीने सवा करोड़ रुपये टैक्स मिलना था, लेकिन बसों का कोई रिकार्ड न होने से उम्र मनमर्जी से टैक्स अदा कर रहा हैं ।
उत्तरप्रदेश ने 2019-20 में 5.31 करोड़ टैक्स चुकाया जबकि वर्ष 2020-21 में 121 करोड़ का टैक्स चुकाया हैं ।इसमें भी उत्तर प्रदेश ने यह टैक्स मात्र देहरादून, कोटद्वार व हल्द्वानी के बस अड्डों का दिया, हरिद्वार, रुड़की समेत टनकपुर, काशीपुर व रुद्रपुर से संचालन का कोई टैक्स नहीं दिया गया।
अब देखने वाली बात यह होगी की उत्तराखंड परिवहन अपनी दरियादिली के चलते यूंही उत्तराखंड को करोड़ो को चुना लगाता रहेगा या फिर इस पर संज्ञान लेकर सही एक्शन इस पर लेगा ।