अनुज नेगी
देहरादून।
उत्तराखंड में प्रदेश सरकार उपनल कर्मचारियों के भविष्य को बर्बाद करने में तुली है।
दस बारह वर्षों से सरकारी विभागों में अपनी सेवाएं दे रहे उपनल कर्मचारियों को आखिर सरकार ने ठेंगा दिखा दिया है।
वही प्रदेश सरकार के कुछ भ्रष्ट नेताओं व अधिकारियों ने उपनल व बेरोजगार युवाओं को बर्बाद करने में भी अपनी कोई कसर नही छोड़ी है।
ताजा मामला भाजपा सरकार में हमेशा से विवादों में रहने वाले मंत्री रेखा आर्य के विभाग बाल विकास एवं महिला सशक्तिकरण का है।
विभाग के मंत्री जी ने बाल विकास के द्वारा संविदा में लगे आंगनवाड़ी कर्मचारियों को सरकारी दामाद बनाने का न्योता दिया है ।
विभाग ने आंगनवाड़ी में दस वषों से अपनी सेवा देने वालो कर्मचारियों को सरकारी दामाद बनाने का न्योता दिया है,जबकि माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने प्रदेश सरकार को सख्त निर्देश दिए है कि जब तक उपनल कर्मचारियों के हित में कोई भी फैसला नही आ जाता तब तक किसी भी संविदा कर्मचारी को नियमित (पक्का) नही किया जा सकता।
वहीं दूसरी ओर प्रदेश सरकार उपनल कर्मचारियों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है।आपको बतादें कि प्रदेश के सरकारी विभागों में दस बारह वर्षो से अपनी सेवा दे रहे उपनल कर्मचारियों को प्रदेश सरकार ने आखिर ठेंगा दिखा दिया है।
जबकि माननीय उच्च न्यायालय की डबल बैंच ने उपनल कर्मचारियों को नियमतिकरण करने के लिए प्रदेश सरकार सख्त निर्देश दिए थे,जिसमें प्रदेश सरकार ने माननीय उच्च न्यायालय के फैसले को देश की सर्वोच्च अदालत माननीय सुप्रीम कोर्ट में चुनोती दे डाली,जिसकी जल्दी ही सुनवाई होनी है।
वंही माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने प्रदेश सरकार को सख्त निर्देश दिए है,जब तक उपनल कर्मचारियों के हित मे अंतिम फैसला नही आ जाता तब तक प्रदेश सरकार किसी भी संविदा कर्मचारियों को नियमित (पक्का) नही कर सकती।