सोशल मीडिया पर आत्महत्या करने से छात्रों के परिजन और शुभचिंतक बेहद परेशान हैं। छात्रों के परिजनों की तबीयत भी खराब हो चली है और लगातार उनसे आत्महत्या न करने की अपील कर रहे हैं।
यह पत्र सोशल मीडिया पर वायरल करने के बाद अभिषेक जगूड़ी औरविकास पांडे ट्रेन में बैठ कर शहर छोड़ छोड़ गए अभिषेक जगूड़ी तो सहारनपुर में उतर गया और उसका नंबर भी स्विच ऑफ आ रहा है। लिहाजा अभिषेक की लोकेशन पता नहीं चल पा रही है।
पठानकोट से बुलाया वापस
लेकिन विकास पांडे की लोकेशन जम्मू से 20 किलोमीटर आगे पठानकोट के पास मिली तो व्यक्तिगत संपर्कों से उनके परिजनों ने किसी तरह से मना बुझा कर विकास पांडे को आज सुबह वापस बुला लिया है और अभी विकास पांडे को उनके परिजन बहादराबाद थाने में विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ मुकदमा लिखवाने के लिए गए हैं।
सुसाइड लेटर से हड़कंप
विकास पांडे और अभिषेक जगूड़ी उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय बहादराबाद के छात्र हैं। इन्होंने सोशल मीडिया पर वायरल किए हुए पत्र में लिखा है कि ज्योतिष विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ रतन लाल ने उनके परीक्षा फार्म में हस्ताक्षर नहीं किए हैं और अभिभावकों को गलत सूचना देकर प्रताड़ित किया गया है।
” उन्हें घर से बेदखल कर दिया गया है और अब उनके पास कोई भी उपयुक्त विकल्प न होने के कारण वे आत्महत्या कर रहे हैं।”
उन्होंने अपनी आत्महत्या के लिए रतनलाल को दोषी माना है सभी उनसे ऐसा कदम न उठाने की अपील कर रहे हैं।
पर्वतजन ने सुसाइड लेटर में दिए हुए छात्रों के नंबर पर संपर्क करने की कोशिश की तो संपर्क नहीं हो पाया।
कुलसचिव ने नही उठाया फोन
गौरतलब है कि इससे पहले भी विभाग अध्यक्ष रतनलाल की इसी तरह के व्यवहार से परेशान होकर आत्महत्या की कोशिश की थी तब उसे बमुश्किल बचाया जा सका था। संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलसचिव गिरीश कुमार अवस्थी से पर्वतजन ने बात करने की कोशिश की तो उन्होंने फोन नहीं उठाया।
वही इन दोनों छात्रों की एक और शिक्षक सत्यानंद ने विश्वविद्यालय के छात्र कल्याण परिषद और कुलसचिव से इस मामले में कार्यवाही करने के लिए आग्रह किया है।