स्टोरी(कमल जगाती, नैनीताल):- ऊत्तराखण्ड के हल्द्वानी में दिव्यांग लोक गायक को डी.जी.पी.से नहीं मिलने देने का मामला ठंडा भी नहीं हुआ था कि अल्मोड़ा में डी.जी.पी.के उस बयान ने हंगामा खड़ा कर दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि “अगर दिव्यांग दोबारा गलती करता है तो उसे मैं सच में दिव्यांग बना दूंगा”।
गुरुवार को हल्द्वानी में डी.जी.पी.के जन संवाद कार्यक्रम के दौरान एक दिव्यांग लोक गायक दीपक सुयाल उनसे मिलने पहुंचा। पुलिस के अधिकारियों ने उसे डी.जी.पी.से नहीं मिलने दिया। इससे नाराज दीपक धरने पर बैठ गया, लेकिन पुलिस उसे उठाकर दूर ले गई। ये मुद्दा मीडिया की सुर्खियां बन गया। शुक्रवार को अल्मोड़ा में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जब पत्रकारों ने इस सवाल को उठाया तो डी.जी.पी. ने कहा कि हल्द्वानी में वो दिव्यांग पैदल चलकर आया, जिसके वीडियो उपलब्ध हैं। उसने 40 प्रतिशत दिव्यांग का कार्ड बना रखा है। उसकी शिकायत थी कि यू ट्यूब में मेरा वीडियो डिलीट करवा दिया गया है आप(डी.जी.पी.)इसका संज्ञान लेकर मुकदमा दर्ज करें। डी.जी.पी.ने कहा कि ये मेरे समय का दुरुपयोग और बदतमीजी है। आरोप लगाया कि एक झूठा माहौल बनाकर विवाद बनाया गया, जिसका संज्ञान लेने के लिए एस.एस.पी.को कह दिया गया है। उन्होंने ऐसी शिकायत को जायज नहीं माना और इसे लोकतंत्र और जवाबदेही की परिभाषा में नहीं माना है।
डी.जी.पी.ने दावा किया है कि वो दिव्यांग था नहीं, लेकिन स्पष्ट किया कि अगर दोबारा ऐसी हरकत करेगा तो वो उसे दिव्यांग बना देंगे।
बाईट :- अभिनव कुमार, डी.जी.पी., ऊत्तराखण्ड।