स्थान – दिनेशपुर
रिपोर्टर – विशाल सक्सेना
हर साल की तरह इस साल भी महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर दिनेशपुर के रामबाग आदिवासी शिव मंदिर में शिव भक्तों ने पूजा अर्चना करने के साथ साथ मंदिर में स्थित 350 साल पुराने प्राचीन काल के शिवलिंग पर जलाभिषेक करना शुरू हो गया है ।
मान्यता है कि प्राचीन काल के ये शिवलिंग का आकार घटता-बढ़ता रहता है और इस शिवलिंग पर जल चढ़ाने से भक्तों की सभी मुरादें पूरी होती है जिसके चलते हर साल महाशिवरात्रि के मौके पर क्षेत्र के हजारों कांवड़िये हरिद्वार से कंधे पर जल लेकर इस प्राचीन काल के शिवलिंग में चढ़ाते है साथ ही लाखो की संख्या में शिव भक्त पूजा अर्चना करने के साथ साथ शिवलिंग पर जलाभिषेक करते हैं ये आस्था ही तो है जो एक भक्त को अपने भगवान से जोड़ती है ।इस मौके पर पांच दिवसीय एक ऐतिहासिक भव्य मेला का आयोजन भी किया गया है और पुलिस प्रशासन ने भी अपनी तैयारी पूरी कर ली है तथा कोविड 19 के नियमों का पालन भी कराया जा रहा है
मंदिर की स्थापना वर्तमान पुजारी चंदू सिंह के परदादा कल्याण सिंह ने की थी। चंदू सिंह ने बताया कि संतान न होने पर उसके परदादा ने हिमालय में जाकर कठोर तपस्या की थी। तपस्या के दौरान स्वयं शिव जी ने उन्हें दर्शन दिए और चंदायन स्थित एक ऊंचे टीले में मौजूद एक शिवलिंग को ढूंढकर वहां एक मंदिर की स्थापना करने पर सभी मनोकामना पूरी होने की बात कही थी जिसके बाद इस शिवलिंग को ढूंढकर मंदिर स्थापना की तो उनको संतान की प्राप्ति हुई जिसके बाद से पीढ़ी दर पीढ़ी उनके वंशज यहां मुख्य पुजारी के रूप में देखभाल करते है और उन्होंने बताया कि मंदिर के आस-पास खुदाई के दौरान कई मूर्तियां मिली थी। लेकिन उचित रखरखाव और देखभाल नही होने पर बेशकीमती मूर्तियां चोरी हो गई। मगर मंदिर परिसर में आज भी ब्रह्मा, विष्णु, महेश की संयुक्त खंडित त्रिमूर्ति के अलावा नंदी भगवान की खंडित मूर्ति मौजूद है।