रिपोर्ट-नीरज उत्तराखंडी
जनपद देहरादून के पर्वतीय जनजाति क्षेत्र जौनसार बावर के सीमांत तहसील त्यूनी के हिमाचल की सीमा से लगे मुन्धोल गांव निवासी ज्ञान गोसांई अपनी मेहनत और लगन से कृषि व बागवानी के क्षेत्र में सराहनीय और प्रेरक कार्य कर युवाओं के लिए प्रेरणा की मिसाल बनकर उभर रहे हैं ।
गांव में लहसुन की खेती को रोजगार और आय का जरिया बनाने वाले युवा ज्ञान गोसांई अब स्ट्रॉबेरी की खेती को आय का बड़ा जरिया बनना की ओर प्रयासरत है। इतना ही नहीं यह युवा सेब की बागवानी और नर्सरी तथा टमाटर की खेती को आय का जरिया बना चुके हैं। और हजारों रूपये कमा चुके हैं।
अब यह युवा स्ट्रॉबेरी की खेती को स्वरोजगार का जरिया बनना चाहता है। युवा बेरोजगार ज्ञान गोसांई बताते हैं कि, वे वर्ष 2017 में हिमाचल प्रदेश के मुरल से स्ट्रॉबेरी की तीन पौधे लेकर आये थे और वर्तमान में उससे 300 पौध तैयार कर चुके हैं और अब उनका लक्ष्य 1500 नई पौध तैयार कर इसे स्वरोजगार का जरिया बनाना है।
यह भी बताते चले कि, इससे पूर्व यह युवा लहसुन की खेती को आय का बड़ा जरिया बना चुका है और लोग इस युवा से प्रेरणा लेकर अपने खेतों में लहसुन की खेती करने लगे हैं ।
ज्ञान का कहना है कि, मेहनत और लगन से हर काम संभव है। लहसुन की खेती की प्रेरणा उन्हें सिरमोर से तो स्ट्रॉबेरी की हिमाचल प्रदेश से यात्रा के दौरान मिली।
अब उनका लक्ष्य स्ट्रॉबेरी की खेती को आय का बड़ा जरिया बनाने की ओर केन्द्रित हैं। बेकार रहने और नशे और जुए की लत में फंस कर भविष्य बर्बाद करने से तो अच्छा है अपनी माटी पर मेहनत कर फल और नकदी फसल पैदा कर सोना उगाया जाए।
ज्ञान इसके साथ टमाटर और सेब की भी खेती कर रहे हैं।यह युवा उन युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं जो अच्छी शिक्षा पाने के बाद भी मां बाप पर बोझ बने है और न घर के रहे न घाट के। उन्हें न तो रोजगार मिलता है और न ही खेती किसानी कर सकते है।
ज्ञान ने बताया कि, कुछ असामाजिक तत्व ने उनकी अनुपस्थिति में उनकी सेब की नर्सरी से दर्जनों पौधे तथा टमाटर के खेत से टमाटर उखाड़ कर फेंक दिये। जिससे उनको बड़ा आघात पहुंचा है। लेकिन ऐसे लोग का कभी भला नहीं होगा जो मेहनत करने वालों से सीख लेने के बजाय ईर्ष्या करते हैं।