आलीशान कोठियों में रास्ता भटका पानी, घरों में कैद हुए लोग
देहरादून। बंसत बिहार का नाम जुबान पर आते ही दिमाग में देहरादून के सबसे पाश इलाके की तस्वीर सामने आ जाती है। सच भी यही है कि बसंत विहार देहरादून का पॉश इलाका है। लेकिन शानदार कोठियों और रिटायर्ड अफसरों के मनपसंद इलाके की हालत इस बरसात में उस खेत की तरह हो गई है जिसकी बाड़ ही उसे खाने लगती है। जी हां यकीन मानिए बसंत विहार की शान पर उसके वासिंदे ही बट्टा लगा रहे हैं।
बसंत विहार पानी पानी
ताजा हालात ये है कि एक घंटे की बारिश से ही बसंत विहार पानी पानी है। हर सड़क तालाब में तब्दील है। बसंत विहार के भीतर की कोई सड़क ऐसी नहीं जहां आप सूखी जमीन पर कदम रख सकें। आलम ये है कि झील बनी सड़कों पर वाहनों को धकेल कर पार लगाया जा रहा है।
आपको ये जानकर अचरज होगा कि इसके लिए बसंत विहार के दानिशमंद रुतबे वाले वाशिंदों को ही जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। दरअसल जिस पानी के बारे में कहा जाता है कि पानी अपना रास्ता खुद तलाश लेता है, वहीं पानी आलीशान महंगी कोठियों वाले इलाके में भटककर रह गया है। उसकी वजह ये है कि ऊंची आमदनी वाले बसंत विहार के निवासियों ने अपनी कोठियों की चाहरदीवारी के बाहर इतनी भी जगह नहीं छोड़ी है कि बरसाती पानी आसानी ने बसंत विहार से बाहर निकल सके। स्थानीय लोगों का कहना है कि कुछ वर्तमान और पूर्व अधिकारियों के घर भी इस इलाके में हैं। जिन्होंने नहर पर अतिक्रमण कर रखा है। यही नहीं उनके घरों में पानी न घुसे इस लिए नहर पर जालियां भी लगा रखी हैं। जिस कारण बरसात के समय अत्यधिक पानी आने के कारण नहर ओवरफ्लो होकर सारा पानी सड़कों पर आ गया है। स्थानीय लोगों ने नगर निगम को भी इसके लिए जिम्मेवार ठहराया कि बरसात की चेतावनी के बावजूद एक भी बार नगर निगम के कर्मचारियों ने यहां का रूख नहीं किया। और न ही नालियों की सफाई की।
आसमानी कहर से 7 की मौत, पंडितवाड़ी में घरों में घुसा पानी
देहरादून में मूसलाधार बारिश से देहरादून शहर और आसपास से अब तक कुल 7 लोगों की मौत की सूचना है। पंडितवाड़ी इलाके के भी कई घरों में पानी घुस गया। वहीं आज सुबह करीब 05.30 बजे देहरादून के थाना बसंत विहार को कंट्रोल रूम के माध्यम से सूचना मिली कि शास्त्री नगर खाला क्षेत्र में एक मकान का पुश्ता ढहने से उसमें कुछ लोग दब गए हैं। उक्त सूचना पर थाना बसंत विहार से पुलिस बल आपदा उपकरणों के साथ तत्काल मौके पर पहुंचे तथा राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया। पुलिस रेस्क्यू टीम द्वारा आपदा उपकरणों की सहायता से मौके से मलबे को हटाकर उसमें दबे 06 लोगों को निकालकर तत्काल उपचार हेतु दून अस्पताल पहुंचाया गया, जिनमें से 04 लोगों को डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया, शेष दो घायलों का वर्तमान में दून अस्पताल में उपचार चल रहा है। मरने वालों की पहचान संतोष साहनी पुत्र रामचंद्र साहनी निवासी शास्त्रीनगर खाला, वसंत विहार देहरादून, उम्र 35 वर्ष, सुलेखा देवी पत्नी संतोष साहनी, उम्र 30 वर्ष, धीरज कुमार पुत्र संतोष साहनी, उम्र 5 वर्ष और नीरज कुमार पुत्र संतोष साहनी, उम्र 3 वर्ष के रूप में हुई है। सभी तारसराय गुड़िया जिला दरभंगा, बिहार के मूल निवासी है। वहीं प्रमोद साहनी पुत्र सखीलाल साहनी, उम्र 35 वर्ष और जगदीश साहनी, उम्र 70 वर्ष घायल हैं। इनका इलाज दून अस्पताल में चल रहा है। गांधी ग्राम संगम विहार में नदी के किनारे बना एक मकान बह गया। परिवार के सदस्य बाल-बाल बचे।
उत्तराखंड पर टूटी आसमानी आफत
मोथरोवाला क्षेत्र में दौड़वाला के पास रिस्पना नदी में एक व्यक्ति का शव पड़ा मिला। सूचना पर थाना नेहरू कॉलोनी से पुलिस बल तत्काल मौके पर पहुंचा। बताया गया कि बुधवार की सुबह डालनवाला क्षेत्र से रिस्पना के तेज बहाव में राजेश पुत्र बलदेव रोड बह गया। रेस्क्यू अभियान चलाकर उसे नदी से निकाला गया, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। वहीं रायपुर में नफीस अहमद पुत्र मुस्तफा अहमद निवासी एलआईजी ब्लाक, एमडीडीए कॉलोनी, उम्र 50 वर्ष, रिस्पना नदी के तेज बहाव में बह गया। पुलिस बल द्वारा तलाश हेतु आसपास के क्षेत्र में रेस्क्यू अभियान चलाया गया। नफीस का शव क्लेमेनटाउन क्षेत्र दूधली की नदी में बह कर आ गया। टीम द्वारा शव परिजनों को सौंप दिया गया है।