आउटसोर्स कर्मचारियों का शोषण आप अपनी हद पार कर गया है। लंबे समय से चले आ रहे शोषण के खिलाफ आज उत्तराखंड के आउटसोर्स कर्मचारियों ने संयुक्त रुप से परेड ग्राउंड में धरना प्रदर्शन करके जमकर आग उगली।
उत्तराखंड कार्मिक शिक्षक आउट सोर्स संयुक्त मोर्चा के तत्वाधान में उत्तराखंड के तेरह जनपद मुख्यालयों और तहसील मुख्यालयों पर 13 सूत्री मांगों के निस्तारण के लिए धरना प्रदर्शन किया।
इन कर्मचारियों की मुख्य मांग है कि 27 अप्रैल को आउटसोर्स कर्मचारियों के संबंध में जो आदेश निर्गत किए गए हैं, उनको तत्काल समाप्त किया जाए।
इन की मुख्य मांगें इस तरह से हैं शिक्षक कर्मचारियों को सेवाकाल में उत्तराखंड शासन के कार्मिक विभाग द्वारा जारी नियमावली के अंतर्गत की पदोन्नति स्वीकृत की जाए अथवा 3 एसीपी का लाभ दिया जाए।
4600 ग्रेड वेतन प्राप्त सभी शिक्षकों को रुपये 17,140 मूल्य वेतन अनुमान्य कर संवर्गीय वेतन विसंगति दूर की जाए।
ऊर्जा निगम के कार्मिकों को 02,14,19 एसीपी का लाभ दिया जाए।
चतुर्थ श्रेणी कार्मिकों को एसीपी के अंतर्गत ग्रेड पे रुपए 4200 दिया जाए। तथा ढांचों में मृत घोषित किए गए सभी पदों को पुनर्जीवित किया जाए।
सातवें वेतनमान की संस्तुतियों के अंतर्गत समस्त भक्तों का लाभ दिया जाए एवं डीए का भुगतान किया जाए।
सार्वजनिक निगम, उपक्रमों, स्वायत्तशासी संस्थाओं जिन्हे सातवें वेतनमान के अंतर्गत एरियर का भुगतान नहीं किया गया है, उन सभी को एरियर का भुगतान किया जाए।
यू हेल्थ कार्ड योजना का लाभ राजकीय शिक्षकों सार्वजनिक उपक्रमों एवं सभी कार्मिकों को एक साथ प्रदान किया जाए।
उपनल, आउटसोर्सिंग, पीटीसी, विशेष श्रेणी के माध्यम से कार्यरत कार्मिकों को नियमित किया जाए अथवा माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश के अंतर्गत समान कार्य समान वेतन एवं न्यूनतम वेतन रुपए 15, 18, 21, 24, 28 हजार प्रतिमाह दिया जाए।
27 अप्रैल 2018 के द्वारा आउट सोर्स संविदा का दैनिक वेतन भोगी के संबंध में जो आदेश जारी किया गया है उसे निरस्त किया जाए।
स्थानांतरण एक्ट के अंतर्गत 52 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके पुरुष कार्मिकों को एवं 50 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुकी महिला कार्मिकों को स्थानांतरण एक्ट से मुक्त रखा जाए तथा स्थानांतरण नीति का निर्धारण किया जाए।
इंदू कुमार पांडे की अध्यक्षता में गठित वेतन समिति को बंद किया जाए तथा पूर्व की भांति मुख्य सचिव की अध्यक्षता में वेतन विसंगतियों का निराकरण कराया जाए।
पूर्व की भांति शिथिलीकरण की व्यवस्था को लागू किया जाए। धरना प्रदर्शन में लगभग 20 कर्मचारी संगठनों के लोग शामिल थे।
पर्वतजन के सभी पाठकों से अनुरोध है कि उपनल के आउटसोर्स कर्मचारियों का लंबे समय से अधिकारियों द्वारा मानसिक तथा शारीरिक शोषण किया जा रहा है। पर्वतजन इस संबंध में एक धारावाहिक प्रकाशित कर रहा है।
कृपया उत्तराखंड के इन शिक्षित युवाओं के शोषण के खिलाफ प्रकाशित किए जा रहे इस धारावाहिक की रिपोर्टों को अधिक से अधिक शेयर अपना समर्थन दें ताकि हुक्मरानों तक भी यह बात पहुंचे और इससे पहले की स्थिति विस्फोटक हो, समय रहते कोई समाधान निकाला जा सके।