नीरज उत्तराखंडी पुरोला
सरकारी जमीन पर कब्जा कर आलीशान कोठी बंगला तथा सेब के विशाल बाग बगीचे लगाने वालों की अब खैर नहीं । हाईकोर्ट के आदेश का असर अब पुरोला तथा दूरस्थ एवं सीमांत विकास खण्ड मोरी में भी दिखने लगा है ।
हाईकोर्ट के आदेश के बाद जिला तथा तहसील प्रशासन सक्रिय हो गया है। जिला अधिकारी के निर्देश के अनुपालन में आज उपजिला अधिकारी पूर्ण सिंह राणा ने राजस्व विभाग के कर्मचारियों की बैठक लेकर राजस्व उपनिरीक्षकों को सरकारी जमीन पर कब्जा करने वालों का स्थलीय सर्वे कर कब्जा चिंहित कर एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट भेजने आदेश दिये है ।
गौरतलब है कि विकास खण्ड मोरी में नाप भूमि की आड़ में राजस्व तथा वन विभाग की कई हेक्टेयर भूमि पर अवैध कब्जा कर सेब के विशाल बाग बगीचों का विस्तार किया गया है जिनमें आइएएस आइपीएस तथा आईएफएस अधिकारियों सहित सफेदपोश नेता और नौकर शाह भी शामिल है । इतना ही नहीं यहां हिमाचल दिल्ली के लोगों ने ही नहीं बल्कि नेपाल तथा तिब्बती मूल के लोगों ने भी स्थानीय दलालों के सहयोग से क्षेत्र के गरीब लोगों से नंबरी जमीन औणे- पौणे दामों में खरीद कर उसकी आड़ में राजस्व तथा वन विभाग की सैकड़ों बीघा जमीन पर कब्जा कर आलीशान कोठी तथा सेब के बड़े-बड़े बगीचों का विस्तार किया गया है।
हाईकोर्ट के आदेश के बाद एक फिर उम्मीद जगी है कि अब इन भू भक्षियों पर शिकंजा कसना तैय है । वहीं पुरोला में भी कई धनाढय और प्रभावशाली लोगों ने सरकारी जमीन पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया बहुमंजिली इमारतों होटलों तथा दुकानों का निर्माण किया है ।यहां की सार्वजनिक सम्पत्ति हैंडपम्प तथा सिंचाई नहर तथा सड़क मार्ग तक को नहीं बख्शे गये है । अब देखना यह दिलचस्प होगा कि प्रशासन हाईकोर्ट के आदेश का पालन कितनी ईमानदारी सजगता और सक्रियता से करता है या सफेदपोश नेताओं तथा वरिष्ठ नौकरशाहों ,अधिकारियों के दबाव में आकर कुछ न कर पाने से एक ओर कुंआ तो दूसरी ओर खाई वाली स्थिति का सामना करना पड़ेगा।