कोतवाली में सुनवाई न होने पर कोर्ट की शरण में जिला पंचायत अध्यक्ष। सीडीओ पर लगाये गंभीर आरोप। वकीलों की फौज लेकर कोर्ट पहुची जिला पंचायत अध्यक्ष।
गिरीश गैरोला
उत्तरकाशी जिला पंचायत अध्यक्ष और मुख्य विकास अधिकारी के आपसी विवाद का मामला और गहरा गया है। थाने में क्रोस रिपोर्ट दर्ज नही होने के बाद अध्यक्ष ने राजधानी के वकीलों की फौज के साथ उत्तरकाशी सीजेएम कोर्ट में अपनी शिकायत दर्ज की।
उत्तरकाशी जिला पंचायत अध्यक्ष जसोदा राणा ने बताया कि सीडीओ से विवाद होने और सीडीओ द्वारा थाना कोतवाली उत्तरकाशी में मुकदमा दर्ज कराने के बाद उनके द्वारा भी 13 अप्रैल को थाने में क्रोस एफआईआर के लिए प्रथनपत्र दिया गया था जिस पर कोई सुनवाई नही हुई। लिहाजा उन्होंने 23 मई 18 को सीजेएम की कोर्ट में अपना पक्ष रखा है जिसके बाद न्यायलय ने उनका बयान दर्ज कर अगली तिथि को अन्य गवाहों को बयान दर्ज करवाने के निर्देश जारी किए है। इसके लिए बाहर से 6 वकीलों के साथ उत्तरकाशी के हिमांशु थपलियाल ने कोर्ट में उनका पक्ष रखा है।
जिला पंचायत अध्यक्ष ने महिला उत्पीड़न, लोक सेवक के कार्य मे बाधा , गाली गलौच, मारपीट, धमकी, छेड़छाड़ आदी के आरोप मुख्य विकास अधिकारी पर लगाये है।जानकारों की माने तो कोर्ट गवाहों के बयान के बाद आरोप तय कर संबंधित को कोर्ट में अपना पक्ष रखने के लिए समान भेज सकता है उसके बाद ही कोर्ट तय करेगी कि कौन सी धारा में मामला चलाया जाएगा।
इधर कोतवाल प्रभारी महादेव उनियाल ने बताया कि जिला पंचायत अध्यक्ष कोतवाली में आयी थी जिनके आरोपो पर सीओ स्तर पर जांच चल रही है जांच पूरी होने के बाद उनकी एफआईआर पर सुनवाई हो सकेगी।
इधर मामला कोर्ट कचहरी तक पहुचने के बाद जिला पंचायत में भी फिर से गुटबाजी उभर कर सामने आई है जिसके बाद अध्यक्ष के साथ सीडीओ विरोध में खड़े कुछ सदस्यों के सीडीओ से मिलकर इस मामले में खुद को अलग रखने की बात कही थी जिसकी खबर सोसल मीडिया में खूब प्रचारित हुई थी। सीडीओ विनीत कुमार ने भी इस बात की पुष्टि की है कि उनके पास कुछ सदस्य इस संबंध में मिले थे।
जिन्होंने अध्यक्ष पर आरोप लगाया था कि उन्हें बहला फुसला कर सीडीओ के विरोध में खड़ा किया गया था। इस संबंध में अध्यक्ष ने उन सदस्यों पर कटाक्ष करते हुए पलटवार किया कि दिन के समय सुरु हुआ जिला पंचायत और सीडीओ विवाद देर रात 9 बजे समझौता होने तक जारी था तब तक भी उक्त सदस्यों को अहसास नही हुआ कि उन्हें बहकाया जा रहा है अथवा उन्हें कहा खड़ा होना है। उन्होंड कहा कि 9 बजे तक जो लोग उनके साथ खड़े थे उनके वीडियो रिकॉर्डिंग भी जमके पास मौजूद है।
बहरहाल ये कोर्ट के निर्णय और सबूतों के आधार पर तय होगा कि दोषी कौन है। किन्तु डीएम, एसडीएम, पुलिस कप्तान और मीडिया की मौजूदगी में सीडीओ को उनके कमरे में बंद करने के आरोप से मुक्ति मिलना इतना आसान नही होगा। इधर जिला पंचायत के सदस्य कुछ इधर कुछ उधर और बाकी जनता के पीछे चलने को तैयार बैठे है। अब देखना है कि विकास और कोर्ट कचहरी की दौड़ में कौन आगे निकलता है।