उत्तराखंड बनने से लेकर मुख्यमंत्री पद से हटने तक लगातार विभिन्न पदों पर रहे हरीश रावत आजकल बेरोजगार हैं। उत्तराखंड राज्य बना तो हरीश रावत प्रदेश अध्यक्ष बन गए। उसके बाद राज्यसभा सदस्य, फिर लोकसभा सांसद, केंद्र में मंत्री, फिर मुख्यमंत्री, लगातार विभिन्न पदों पर रहने के बाद का अकेलापन महीनेभर के अंदर ही खलने लगा है। हो भी क्यों नहीं, कल तक कांग्रेस अध्यक्ष के नाते कार्यकर्ताओं की भीड़ थी तो मुख्यमंत्री होने के बाद उत्तराखंड की जनता के सबसे बड़े प्रतिनिधि होने के कारण चारों ओर चहल-पहल रहती थी। अधिकांश कांग्रेसियों के कांग्रेस छोड़कर जाने के बाद कांग्रेस भवन में भी सन्नाटा है। कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा संगठन में फेरबदल की बात कहने के बाद अब चंडाल चौकड़ी का कहना है कि आप एक बार फिर प्रदेश अध्यक्ष बन जाओ, बाकी हम संभाल लेंगे। इस चौकड़ी को हरीश रावत के खालीपन से ज्यादा अपने भविष्य की चिंता है और हरीश रावत को ठुरा-ठुरा कर खाने के बाद भी इनका मन नहीं भरा है।