दिलो से जुड़ते हैं DM आशीष कुमार चौहान। चिलोट गाव की 13 वर्षीय उषा को कराई ओपन हार्ट सर्जरी। सीडीओ रहते मुनस्यारी में अनजान वाहन की टक्कर से सड़क पर छटपटाते गरीब के बेटे को निजी खर्चे पर इलाज दे चुके हैं आशीष चौहान।
गिरीश गैरोला ।
सूबे के राजनेता जनता से जुड़े अथवा नहीं किंतु प्रदेश के नौजवान आईएएस अधिकारी जनता से जुड़कर खूब वाह वाही लूट रहे हैं।
उत्तरकाशी में तैनात नौजवान IAS ऑफिसर डीएम आशीष कुमार चौहान भले ही एक अधिकारी के तौर पर सख्त मिजाज दिखते हैं किंतु उनके अंदर भी एक मासूम प्यार भरा दिल धड़कता है । खासकर असहाय और गरीब परिवारों के लिए उनकी संवेदना अक्सर छलक ही जाती है। 28 फरवरी को उत्तरकाशी के सभागार में पहुंची चिन्यालीसौड़ तहसील के चिलोट गांव की 13 वर्षीय उषा के दिल में छेद होने की सूचना पर डीएम आशीष चौहान ने तत्काल जिला अस्पताल मैं उसकी जांच कराई । डॉक्टर की रिपोर्ट के बाद उषा को फोर्टिस अस्पताल देहरादून के लिए रवाना किया । गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाली उषा के पिताजी का पहले ही स्वर्गवास हो चुका है।उसकी माता किसी तरह घर का खर्च चलाती है।
ias डॉक्टर आशीष चौहान ने तत्काल रेडक्रॉस से ₹5000 सहायता गरीब परिवार को देकर बाल विकास विभाग की मदद से उसे देहरादून भिजवाया।
उषा के साथ गए उसके उसके रिश्तेदार रमेशलाल ने बताया 6 फरवरी को बच्ची का कोरोनेशन अस्पताल देहरादून में आपरेशन सफलतापूर्वक हो चुका है ।फिलहाल बच्ची आईसीयू में है । बच्चे के परिजनों ने डीएम के स्तर से मिली मदद कए लिए उनका शुक्रिया अदा किया है। यह पहला केस नहीं है इससे पहले भी कई मौकों पर एक यह अधिकारी जिंदादिल और संजीदा इन्सान होने का पुख्ता प्रमाण दे चुके हैं ।
कुमाऊ रीजन में सीडीओ के पद पर रहते आईएएस डॉक्टर आशीष चौहान ने मुनस्यारी में अनजान वाहन से सड़क दुर्घटना में गंभीर घायल होकर सड़क पर छटपटा रहे 6 साल के एक बच्चे को अपने खर्चे पर अस्पताल में भर्ती कराया। किंतु खून अत्यधिक बह जाने के चलते बच्चे की हालत बिगड़ने पर वहां भ्रमण पर पहुंचे मुख्यमंत्री के हेलीकॉप्टर से बच्चे को हल्द्वानी पहुंचाया। जहां एक निजी अस्पताल में इस नौजवान ऑफिसर ने अपने निजी खर्च से बच्चे का इलाज कराया। गरीब बच्चे के मां बाप की ऐसी स्थिति नहीं थी कि वह बच्चे का इलाज करा सकते।
परिजनों की माने तो तत्काल मौके पर बच्चे कोई इलाज नहीं मिलता तो खून अधिक बह जाने से उसकी मौत भी हो सकती थी ।ऐसे में नौजवान अधिकारी देव दूत बनकर मौके पर पहुंचे और एक जिंदगी को बचाने के महत्वपूर्ण कार्य को अंजाम देकर साबित कर दिया कि रुपहले पर्दे पर दिखने वाले सेलेब्रिटी की बजाय वह असल जिंदगी में हीरो है । एक सैलूट इस भावना से जिंदगी जीने की कला के लिए।