मनोज नौडियाल
कोटद्वार। शहर में इन दिनों सट्टे का कारोबार पुलिस की नाक के नीचे खूब फल-फूल रहा है। इसका एक कारण यह भी है कि लोग बिना मेहनत के शार्टकट के रास्ते रातोंरात अमीर बनने का सपना संजो लेते हैं। ऐसे लोग सट्टे में रकम कमाने के लिए अजब-गजब गणित लगाते है। नंबरों के इस खेल में लक्की ड्रा से विजेता घोषित होता है। लोग सट्टा जीतने के लिए जोड-घटा और गुणा भाग करने के बाद ही उसी नंबर की पर्ची लेते हैं, जिस नंबर की पर्ची का लक्की ड्रा निकलने की संभावना सबसे अधिक होती है। इस कारोबार में अमीर से लेकर दिन भर फल रहेड़ी लगाकर दो जून की रोटी कमाने वाला मजदूर तबका तक शामिल है। हैरत की बात यह है कि यह कारोबार कोटद्वार नगर के गली-मोहल्ले में खूब फल-फूल रहा है, लेकिन बावजूद इसके पुलिस के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही है। आमपड़ाव क्षेत्र में तो सट्टे का कारोबार खुलेआम चल रहा है। सटटा कारोबारी कई बार पकड़ा जा चुका है, लेकिन उसके हौंसले इस कदर बुलंद हैं कि जमानत पर छूटते ही दुबारा कारोबार शुरू कर देते हैं।
सट्टे का कारोबार कोटद्वार के गली-मोहल्ले में खूब फल फूल रहा है। कई वार्डो के गली-कूचों में चल रहा है। इन कारोबारियों ने दुकानों में बोर्ड प्रोपर्टी डीलर, परचून आदि की दुकानें खोली है, जबकि उनका वास्तविक धंधा सट्टे का है। सट्टे की लत के चलते लोग दिन भर की मेहनत की कमाई शाम को सट्टे में धूल हो जाती है और इनके परिवार बर्बादी की कगार पर पहुंच गए हैं। यहां तक कि सपने में कोई नंबर दिख जाए तो अगले दिन उसी नबंर पर दांव खेला जाता है। शाम होते ही सट्टा की दुकानों पर भीड़ लग जाती है। कमाई के चक्कर में ही पुलिस भी इस कारोबार पर ज्यादा ध्यान नहीं देती है। पुलिस की ओर से कार्रवाई न होने से यह सट्टा व्यापारी बेखौफ दिन-रात सट्टा खिला रहे हैं। सट्टा खेलने के लिए युवक चोरी की घटनाओं को अंजाम देने से भी नहीं चूक रहे हैं। पुलिस भी मान चुकी है कि आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने में नशे के आदी व सट्टा लगाने वाले युवकों की भूमिका है।
कैसे चलता है सट्टे का कारोबार
कोटद्वार में चलने वाले सट्टे में फरीदाबाद सट्टे की पर्ची साढे चार बजे से 5ः40 तक खरीदी जाती है और लक्की ड्रा एक घंटे बाद घोषित होता है। गाजियाबाद सट्टे की पर्ची 7ः40 तक बिकती है और लक्की ड्रा साढ़े आठ बजे निकाला जाता है। गली सट्टे की पर्ची 10ः40 बिकती है और 11 बजे लक्की ड्रा निकाला जाता है। दिसावर सट्टे की पर्ची रात दो बजे और पेशावर सट्टे की पर्ची तीन बजे खरीदी जाती है और लक्की ड्रा सुबह पांच बजे निकलता है। ये सट्टे ऑनलाइन खेले जाते हैं।
इसका संचालन फरीदाबाद और गाजियाबाद से ऑन लाइन होता है और भुगतान नई तकनीकी पेटीएम के माध्यम से होता है। हारूप में 10 के 70, जोड़ी और सपोर्ट जोड़ी में डबल नंबर दिया जाता है और इसकी कोई लिमिट नहीं है। इसमें 100 रूपये लगाने पर सात हजार रूपये मिलते हैं। यह कारोबार कमीशन पर चलता है और सट्टा कारोबारी अपना स्वयं का कारोबार भी चलता है। अपने नंबर बेचते हैं। कारोबारी इस बात पर भी सट्टा लगाते हैं कि आज श्मशान घाट में कितने मुर्दे आएंगे।
क्या कहते हैं अधिकारी
मामले में पुलिस कप्तान जगतराम जोशी का कहना है कि इस मामले की जानकारी उन्हें आप लोगों से मिली है। जल्द ही सटोरियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी।