कुलदीप एस. राणा
सुभारती मेडिकल कॉलेज पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के से एमबीबीएस के छात्र दुविधा स्थिति से घिर गए हैं। जिससे उत्पन्न असमंजस की स्थिति पर मेडिकल के छात्र अपनी मांगों को लेकर बृहस्पतिवार सुबह ही चिकित्सा शिक्षा निदेशालय पहुँच गए। निदेशालय पहुँचे छात्रों का कहना है कि अधिग्रहण के उपरांत अब सरकार उनकी शैक्षिक सत्र व परीक्षा को लेकर स्थिति स्पस्ट करें।
आगामी फरवरी-मार्च माह में एमबीबीएस सत्र की परीक्षाएं होनी है। जिसे लेकर अभी तक यह स्पस्ट नहीं है कि परिक्षाएं किसके माध्यम से होंगी? क्या रासबिहारी बोस विवि परिक्षाएँ सम्पन्न करवाएगा या एचएनबी मेडिकल विवि के द्वारा परीक्षाएं करवाएगी। लंबे समय से कालेज बन्द है, जिससे छात्रों कि पढाई का भी नुकसान हो रहा है। छात्रों ने बताया कि इस बार देर से एड्मिसन होने के कारण सत्र भी देरी से आरंभ हुआ, जिससे क्लासेज भी देरी से ही प्रारंभ हुई है। ऐसे में कोई हमें यह नहीं बता रहा कि अब हम किसके छात्र हैं। सरकार भी सुभारती को लेकर अपना रुख स्पस्ट नहीं कर रही हैं।
वहीं उक्त विषय पर चिकित्सा शिक्षा निदेशक प्रो.आशुतोष सयाना का कहना है कि सम्पूर्ण कार्यवाही माननीय कोर्ट के निर्णय के आधार पर हो रही है। कोर्ट के आदेश के उपरांत सुभारती मेडिकल कालेज के तत्कालीन मैनेजमेंट द्वारा विंटर वेकेशन के नाम पर 15 जनवरी तक कालेज मे छुट्टियां घोषित कर दी थी, जिससे छात्रों के समक्ष यह असमंजस की स्थिति उत्त्र हो रही है। आगामी 10 जनवरी को कोर्ट क्या आदेश जारी करतें हैं, उसी क्रम में आगे की कार्यवाही की जाएगी। छात्रों के प्रत्यावेदन पर कार्यवही करते हुए सुभारती मेडीकल कालेज अंतरिम व्यवस्थाओं को लेकर बनायी गयी कमेटी के चेयरमैन डॉ. थपलियाल को उक्त संदर्भ में संभावनाओं को तलाशने के आदेश दे दिए हैं, ताकि छात्रों की पढ़ायी का नुकसान न हो।