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देहरादून के पब्लिक स्कूलों को नहीं आती हिन्दी!

अगर आप अपने बच्चों को अस्थायी राजधानी देहरादून के अत्यंत महंगे व नामी पब्लिक स्कूलों में पढ़ाते हैं या फिर पढ़ाने की सोच रहे हैं तो आपको अपने बच्चों की हिन्दी पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। देहरादून के राजपुर रोड स्थित जसवंत मॉडर्न सीनियर सेंकेडरी स्कूल द्वारा मीडिया को कवरेज करने के लिए भेजे गए पत्र से तो ऐसा ही प्रतीत होता है।
जनसेवा व्हाट्स एप्प ग्रुप द्वारा पर्वतजन को एक पत्र प्राप्त हुआ। दरअसल जसवंत मॉडर्न स्कूल में 21 से 23 अप्रैल तक अंतर स्कूल ओपन नेशनल ताइक्वांडो प्रतियोगिता आयोजित की जा रही है। इसका उद्घाटन 22 अप्रैल को पूर्वाह्न 11 बजे विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचन्द अग्रवाल करेंगे।
इसी के तहत मीडिया को कवरेज करने के लिए स्कूल की ओर से भेजे गए इस पत्र में विधानसभा अध्यक्ष के नाम को प्रेम चॉद अग्रवाल लिखा गया है। खिलाड़ियों की जगह खिलाड़िओ लिखा गया है, जबकि सांय की जगह साए लिखकर राष्ट्रभाषा हिन्दी की घोर उपेक्षा की गई है।
यह गलती कोई आम जन करता तो समझ में आ सकता था, लेकिन यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस पत्र पर जसवंत मॉडर्न स्कूल की प्रधानाचार्य मिनाक्षी गंडोत्रा के हस्ताक्षर मौजूद हैं। इससे जाहिर होता है कि बिना पत्र पढ़े हुए प्रधानाचार्य महोदया ने इस पर हस्ताक्षर नहीं किए होंगे। ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि जब प्रधानाचार्य को ही हिन्दी की सही जानकारी नहीं है तो स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को हिन्दी का सही ज्ञान कैसे दे पाएंगे!
उल्लेखनीय है कि ये पब्लिक स्कूल बच्चों से मोटी फीस वसूलते हैं। लेकिन जब एक छोटे से पत्र में इतनी गलतियाँ हुई हैं तो इन स्कूलों से बच्चों को कैसी शिक्षा मिल रही होगी, अनुमान लगाया जा सकता है।

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