नोटबंदी पर कई बार भावुक हुए पीएम, बोले- 31 दिसंबर के बाद हो समस्या तो हर सजा मंजूर

गोवा के पणजी में नोटबंदी पर बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को संबोधित करते हुए भावुक अपील की है। उन्होंने कहा कि कालेधन पर हमारे गुप्त ऑपरेशन से बेईमानों की नींद उड़ी हैं, ये लड़ाई ईमानदारी की लड़ाई है और उनके ही भरोसे लड़ रहे हैं। प्रधानमंत्री अपने संबोधन के आखिर में बहुत भावुक हो गए और देशवासियों से 50 दिन साथ देने की अपील की। पढ़िए प्रधानमंत्री के भाषण की अहम बातें..
नोटबंदी पर दस महीने से लगातार काम 
नोटबंदी के फैसले के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि दस महीने से लगातार काम में लगा रहा। ये लोग ऐसे होते हैं कि पता चल जाए, तो अपना काम निकाल लेते हैं। मैंने उस रात को भी कहा था कि इस निर्णय से तकलीफ होगी, असुविधा होगी। लेकिन आज मैं उन करोड़ों लोगों के सामने सिर झुकाता हूं कि रात भर लाइन में खड़े रह रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने बैंककर्मियों का भी अभिनंदन किया और कहा कि वे सबसे ज्यादा काम कर रहे हैं। मैंने सोशल मीडिया में देखा कि रिटायर्ड बैंक के कर्मचारी बैंक गए और काम करने के लिए आगे आए। मैं उनका भी अभिनंदन करता हूं। मैं उन नौजवानों का भी अभिनंदन करता हूं, जो लोगों की देखभाल कर रहे हैं, अपने खर्चे पर। इस योजना की सफलता मोदी की घोषणा से नहीं, ऐसे लोगों से ही चलता है।

मतदाता सूची पर भी करेंगे काम
इसके बाद प्रधानमंत्री ने मतदाता सूची पर अपनी बात रखी और कहा कि पोलिंग के दिन शिकायत आती है, जबकि इससे पहले सभी पार्टियां मतदाता सूची पर काम करती हैं। हमारे देश में चुनाव होता है, और इसकी तैयारी से लेकर वोटिंग तक काम 90 दिन तक चलता है। मैंने देश से 50 दिन मांगे हैं, अगर 30 दिसंबर के बाद मेरी कोई गलती निकल जाए, तो आप जिस चौराहे पर खड़ा कर सजा देना चाहे.. मैं तैयार हूं। लेकिन मेरे देशवासी दुनिया आगे बढ़ रही है.. आप मुझे मौका दीजिए। आपने जैसा हिंदुस्तान चाहा है.. मैं वैसा हिंदुस्तान आपको दूंगा।

भावुक हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी.. 
उन्होंने कहा कि मैंने घर परिवार सबकुछ देश के लिए छोड़ा है। पीएम ने कहा कि हमने लोगों के सामने स्कीम रखी और काला धन के बारे में घोषणा करने का मौका दिया। पहली बार 67 हजार करोड़ रुपये लोगों ने जमा कराए। यही नहीं सवा करोड़ का हिसाब सरकारी खजाने में आया है। इसके बाद हमें मालूम था कि हमें क्या करना है। मैंने जन धन योजना शुरू की, इस योजना के द्वारा गरीब से गरीब का बैंक अकाउंट खोला। करीब-करीब 20 करोड़ लोगों के अकाउंट खोले।

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