गिरीश गैरोला//
पर्वतीय राजस्व निरीक्षक, उप निरीक्षक एवं राजस्व सेवक संघ उत्तराखंड ने एक बार फिर हड़ताल की चुनौती दे दी है । संगठन के प्रदेश अध्यक्ष विजयपाल मेहता ने बताया कि वर्ष २०१४-१५ में भी संघ ने अपनी मांगों के समर्थन में हड़ताल की थी उस वक्त राजस्व परिषद द्वारा आश्वासन दिए गए थे कि उनकी मांगों पर शीघ्र विचार
किया जाएगा। जनवरी तक मांग स्वीकार करने का फिर से भरोसा दिया गया था जिसके बाद संघ द्वारा अपना आंदोलन स्थगित किया गया था। एक बार फिर राजस्व परिषद के सचिव सुरेंद्र नारायण पांडे ने आश्वासन दिया कि फरवरी के अंतिम सप्ताह तक उनकी मांगों को मान लिया जाएगा किंतु ऐसा कुछ नहीं हुआ जिसके बाद एक बार फिर संघ हड़ताल को मजबूर है । संघ के उत्तरकाशी के जिलाध्यक्ष गुलाब सिंह पवार ने बताया जनपद के सभी तहसीलों में राजस्व निरीक्षक, उप निरीक्षक एवं राजस्व सेवक कलमबंद हड़ताल पर आ गए हैं। जिसके बाद से आय, जाति, निवास आदि प्रमाण पत्र के लिए जरूरतमंदों को दर-दर भटकना पड़ेगा । इसके अलावा जमीनों की सीमांकन , जांच और दैवीय आपदा के कार्य ठंडे बस्ते में पड़ गए हैं ।ऊत्तरकाशी जिलाध्यक्ष गुलाब सिंह पंवार ने कहा कि अपनी ३ सूत्री मांगों को लेकर संगठन बहुत लंबे समय से आंदोलनरत है। उनकी प्रमुख मांगों में १० वर्ष की सेवा वाले वरिष्ठ उपनिरीक्षकों को नायाब तहसीलदार पद पर प्रमोशन के लिए प्रशिक्षण में भेजने , नायब तहसीलदार पद पर डीपीसी करवाने की एवं रिक्त पड़े पटवारी पद पर भरने की मांग शामिल है।
फिलहाल सभी जनपदों में तहसील एवं उप तहसील स्तर पर कर्मचारी अपनी कलम बन्द कर धरने पर बैठ गए है।
चारधाम यात्रा के मुख्य पड़ाव पर गंगोत्री और यमनोत्री दो धामो को अपने मे समेटे ऊत्तरकाशी जनपद पर यात्रा की व्यवस्था संभालने की बड़ी जिम्मेदारी राजस्व विभाग पर है। ऐसे में कोई समाधान न मिलने पर सरकार की किरकिरी होना तय है।