सूबे के आबकारी और वित्त मंत्री रहे प्रकाश पंत की मृत्यु के बाद खाली हुई पिथौरागढ़ विधानसभा सीट पर छह माह के भीतर चुनाव होना सुनिश्चित है। भारतीय जनता पार्टी किसी भी सूरत में कोई कमी नहीं छोडऩा चाहती। कांग्रेस की ओर से एक बार फिर मयूख महर ही दावेदार होंगे। हालांकि कांग्रेस के कुछ लोगों का जोर है कि क्यों न इस सीट पर हरीश रावत को चुनाव लड़वाकर मृत पड़ी कांग्रेस में जान फूंकने का प्रयोग किया जाए।
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता सुरेश जोशी लंबे समय से यहां सक्रिय हैं। स्व. प्रकाश पंत के विजय बहुगुणा के सितारगंज में चुनाव लडऩे और बाद में लालकुआं विधानसभा में की गई तैयारियों के दौरान पिथौरागढ़ में सुरेश जोशी ही भाजपा के खेवनहार रहे। २०१७ के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा ने लालकुआं से नवीन दुम्का और पिथौरागढ़ से प्रकाशपंत को टिकट देकर सुरेश जोशी को वेटिंग लिस्ट में डाल दिया था।
प्रकाश पंत की मृत्यु के बाद भाजपा की ओर से एक बार फिर सुरेश जोशी सबसे मजबूत दावेदार हैं, किंतु प्रकाश पंत के नजदीकी रहे कुछ खास लोगों का फोकस है कि चुनाव पंत के परिवार से ही किसी को लड़वाया जाए। प्रकाश पंत के परिवार में उनके अलावा कोई भी व्यक्ति कभी किसी प्रकार की राजनैतिक गतिविधि में शरीक नहीं रहा है, किंतु पंत की मौत के बाद उपजी सहानुभूति को परिवार के किसी सदस्य को पक्ष में कैश करने का गणित भी लगाया जा रहा है।
देखना है कि आगामी उपचुनाव पिथौरागढ़ में सुरेश जोशी के किस्मत का बंद दरवाजा खोलता है या एक बार फिर वे उसी राजनीति का शिकार होते हैं, जो उन्हें २०१७ के विधानसभा चुनाव में देखने को मिली।